विशाखापट्टनम: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम से निर्भया मामले से भी खौफनाक सामूहिक बलात्कार की एक वारदात सामने आई है. विशाखापट्टनम में रहकर काम करने वाली ओडिशा की एक नाबालिग के साथ पहले उसके प्रेमी ने शारीरिक संबंध बनाया. फिर अपने एक दोस्त के हवाले कर दिया, जिसने उसके साथ बलात्कार किया. इस सदमे के कारण पीड़िता ने जब जान देने का प्रयास किया तो एक हैवान उसका हमदर्द बनकर सामने आया. उसे लेकर अपने घर गया, जहां उसने भी उसका बलात्कार किया.
हैवानियत का सिलसिला यहीं तक नहीं रुका. वो हैवान अपने 10 अन्य दोस्तों के साथ उस पीड़िता को 2 दिनों तक अपनी हवस का शिकार बनाता रहा. इस के चलते वो दर्द के मारे चीखती रही. तड़पती रही. उसकी आवाज कमरे से बाहर न जाए, इसलिए दरिंदों ने उसके मुंह में कपड़ा तक ठूंस दिया. किसी प्रकार से पीड़िता उनके चंगुल से छूटकर अपने गांव-घर पहुंची. उसे देखकर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा चुके परिजनों ने राहत की सांस ली, मगर उसकी हालत देखकर हर कोई हैरान था. डरी सहमी पीड़िता कुछ बोलने में भी असमर्थ थी. मगर कुछ दिनों पश्चात् जब उसने अपने साथ हुई हैवानियत की कहानी परिवार के लोगों को सुनाई तो सबका दिल दहल उठा. परिजन उसे लेकर तुरंत थाने गए, जहां उसका बयान दर्ज किया गया.
17 वर्षीय पीड़ित लड़की ओडिशा के कालाहांडी जिले के एक गांव की रहने वाली है. वो विशाखापट्टनम में एक व्यक्ति के घर रहकर उसके कुत्ते की देखभाल करती थी. कहा जा रहा है कि 17 दिसंबर को उसका मालिक अपने परिवार के साथ बाहर गया था. उस दिन उसके बॉयफ्रेंड का जन्मदिन भी था. उसने उसे मिलने के लिए बुलाया तो वो उसके साथ आरके बीच चली गई. उसके प्रेमी के साथ उसका एक दोस्त भी था. दोनों उसे लेकर एक लॉज में गए. वहां उसके साथ दुष्कर्म किया. इस बात से सदमे में आकर लड़की वापस बीच पर गई तथा अपनी जिंदगी समाप्त करने का प्रयास करने लगी. तभी एक फोटोग्राफर ने उसे देखा तथा सहायता की पेशकश की.
फोटोग्राफर उसे लेकर अपने कमरे पर गया. वहां अपने 10 दोस्तों के साथ सामूहिक बलात्कार किया. दरिंदगी का ये सिलसिला लगभग 2 दिनों तक चलता रहा. पीड़िता किसी प्रकार इस गैंग के चंगुल से भागने में सफल रही. वो अपने पैतृक जिले ओडिशा के कालाहांडी चली गई. मानसिक आघात के कारण 31 दिसंबर, 2023 तक चुप रही. इस मामले में पीड़िता के पिता ने पुलिस को सूचित था किया कि उनकी बेटी 17 दिसंबर की शाम से लापता है, तत्पश्चात, गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया था. उसके बरामद होने के बाद उसके बयान के आधार पर पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 376-डी, 342 और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया.
तत्पश्चात, अपराधियों की तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई है. पुलिस विशाखापट्टनम एवं झारखंड में कई स्थानों पर आरोपियों के तलाश में छापेमारी कर रही है. अभी तक 11 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. दो अन्य की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है. पीड़िता का बयान दर्ज करने के साथ ही उसका मेडिकल टेस्ट भी कराया गया है, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई है. आंध्र प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष वासिरेड्डी पद्मा ने विशाखापट्टनम के पुलिस आयुक्त रविशंकर को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी मांगी है. महिला संगठनों ने सभी अपराधियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है. इस घटना के कारण पूरे सूबे में सनसनी फैल गई है.
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