कोलकाता: पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश का आतंकी संगठन 'अंसार-अल-इस्लाम' सक्रिय होने का खुलासा हुआ है। इस विदेशी आतंकी संगठन ने यहां 'शहादत मॉड्यूल' नाम से आतंकी समूह बना रखा है। आतंकी एक-दूसरे से संवाद करने के लिए ऐसे ऐप का इस्तेमाल करते हैं, जो सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर जल्दी नहीं आते। इस मॉड्यूल में ज्यादा से ज्यादा आतंकियों की भर्ती भी हो रही है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इसका खुलासा कोलकाता पुलिस की STF (स्पेशल टास्क फोर्स) ने किया है। STF ने अंसार-अल-इस्लाम के 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पूछताछ में अपने खतरनाक इरादों का खुलासा किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल पुलिस की कोलकाता STF ने 22 जून 2024 को मोहम्मद हबीबुल्लाह नाम के आतंकी को गिरफ्तार किया था। हबीबुल्लाह को बर्दवान जिले से पकड़ा गया था। हबीबुल्लाह 'शहादत मॉड्यूल' का चीफ बताया जा रहा है। कोलकाता एसटीएफ इस पर काफी समय से नजर रख रही थी। पूछताछ में हबीबुल्लाह ने अपने खतरनाक मंसूबों के अलावा गिरोह में शामिल अपने साथियों के नाम भी बताए। हबीबुल्लाह के बयान के आधार पर एसटीएफ ने 25 जून को हारेज शेख और 28 जून को अनवर शेख को गिरफ्तार किया। हारेज शेख को हावड़ा जंक्शन से जबकि अनवर शेख को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया। इन तीनों से पूछताछ में पता चला कि ये सभी पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी आतंकी संगठन अंसार-अल-इस्लाम का नेटवर्क खड़ा करने की फिराक में थे। यहां ये इसका 'शहादत मॉड्यूल' तैयार कर रहे थे, जिसके लिए बड़े पैमाने पर युवाओं की भर्ती की जा रही थी। सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए ये सभी आरोपी बातचीत के लिए टेलीग्राम और कुछ अन्य ऐप का इस्तेमाल करते थे, जिन्हें आसानी से ट्रेस नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है कि पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए इन आतंकियों ने अपने नाम भी फर्जी रखे थे। इन आतंकियों ने बातचीत में कई कोडवर्ड का भी इस्तेमाल किया, जिसे पुलिस डिकोड करने की कोशिश कर रही है। इंटरनेट के जरिए ये आतंकी जिहादी सोच वाले युवाओं की पहचान करते थे और फिर उनसे बात करते थे। भारत में इस संगठन का संचालन हबीबुल्लाह करता था। सभी ने उसके निर्देशों का पालन किया। फिलहाल पश्चिम बंगाल पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गिरफ्तार आतंकियों ने भारत में अपना नेटवर्क कितना गहरा कर रखा है।
आपको बता दें कि अंसार अल इस्लाम बांग्लादेश में भी प्रतिबंधित आतंकी समूह है। इस संगठन से जुड़े लोगों पर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और सैन्य बलों पर हमले समेत कई अन्य आतंकी और आपराधिक आरोप लगे हैं। हाल ही में जून 2024 में बांग्लादेश पुलिस ने कॉक्स बाजार से इस आतंकी संगठन के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान मोहम्मद जकारिया, मोहम्मद नियामत उल्लाह और मोहम्मद ओजैर के रूप में हुई थी। इन सभी की उम्र 20 साल के आसपास है। माना जा रहा है कि इस गिरोह के लोग अफगानिस्तान में सक्रिय तालिबानियों को अपना आदर्श मानते हैं। हालाँकि, विडम्बना ये भी है कि, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और अधिकतर विपक्षी पार्टियां, अवैध बांग्लादेशियों को बाहर निकालने का विरोध करती हैं। इन्ही अवैध बांग्लादेशियों में आतंकी छिपे हो सकते हैं, जो भारतीय मुस्लिमों में भी मजहब के नाम पर जिहाद का जहर फैला रहे हैं ।
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