बोस्निया। बोस्निया की राजधानी साराजेवो की घेराबंदी के दौरान बोस्निया के पूर्व सैन्य कमांडर ने नागरिकों पर तोपें चलाने का आदेश दिया था। उसने करीब 8 हजार निहत्थे मुस्लिम मर्दों को जान से मारने का आदेश दिया था। उस पर मानवता के विरूद्ध अपराध और नरसंहार के चार्ज लगे हैं। लगभग 5 वर्ष से अधिक समय से यह मामला हैक में चल रहा है।
माना जा रहा है कि, अब अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय अगले सप्ताह इस पर निर्णय सुनाएगा। मिली जानकारी के अनुसार, करीब दो दर्जन की जनसंख्या वाले गांव में इसे लोग हीरो मानते हैं। इस पूर्व सैन्य कमांडर का नाम है जोरान म्लादिक। वर्ष 1992 से 1995 में हुए युद्ध के तहत उसे देश के रक्षक के तौर पर सम्मानित किया गया था। इस युद्ध में लगभग 1 लाख लोगों की जान चली गई थी।
युद्ध के दौरान बोस्निया के आसपास रहने वाले मुस्लिम धर्मावलंबी एकत्रित हो गए थे। ऐसे में म्लादिक ने इन लोगों को क्षेत्र से जाने के लिए चेतावनी दी थी। हालांकि उसके गांव में अधिकांशतः उसके रिश्तेदार रहते हैं। मगर यहां के प्रत्येक मकान में म्लादिक के पोर्टेट लगे हैं औरयहां के निवासी उसकी सराहना करते नहीं थकते हैं। ग्रामीणों को डर लग रहा है कि, म्लादिक को वाॅर क्राइम का दोषी नहीं ठहराया जा सके।
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