नई दिल्ली: अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए ऋषिकेश नीलकंठ पैदल मार्ग स्थित एक गुफा में रहने वाले 83 वर्षीय संत स्वामी शंकर दास ने एक करोड़ रुपये का योगदान दिया है। स्वामी शंकर दास महाराज भी टाट वाले बाबा के नाम से विख्यात हैं। स्वामी शंकर दास ने अपने गुरु टाट वाले बाबा की गुफा में मिलने वाले भक्तों के चढ़ावे से यह रकम जुटाई थी। स्वामी शंकर दास बीते 60 वर्षों से गुफा में रह रहे हैं।
जब स्वामी शंकर दास विगत बुधवार को एक करोड़ रुपए के चेक के साथ ऋषिकेश स्थित भारतीय स्टेट बैंक की मेन ब्रांच पहुँचे, तो वहाँ के कर्मचारी दंग रह गए। बैंक कर्मचारियों ने संत स्वामी शंकर दास के अकाउंट की जाँच की तो पाया कि उनके चेक सही थे। दान प्रक्रिया को पूरा करने के लिए संघ के पदाधिकारियों को बैंक बुलाया गया। बुधवार को स्वामी शंकर दास महाराज ने एक करोड़ रुपये का चेक RSS जिला संघचालक सुदामा सिंगल के सुपुर्द किया। चेक सौंपते समय स्वामी शंकर दास ने कहा कि उन्होंने यह निधि सिर्फ श्रीराम मंदिर के लिए जमा की थी।
शंकर दास महाराज का जीवन बहुत ही सरल है। उन्होंने अपने जीवन के 60 वर्ष एक गुफा में गुजारे हैं। उनके गुरु टाट वाले थे, जो कि महर्षि महेश योगी, विश्व गुरु महाराज और मस्तराम बाबा के समकालीन थे। वेद निकेतन के महामंडलेश्वर स्वामी विजयानंद सरस्वती ने कहा कि बाबा स्वामी शंकर दास महाराज, जिनके पास केवल एक बोरी थी, ने सभी सुख-सुविधाओं को त्याग दिया था। वह बीते 40 वर्षों से श्री राम मंदिर के लिए पैसा जुटा रहे हैं।
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