अनोखा हुआ दृश्य...पहली बार सामने आया घड़ियालों के प्रजनन का वीडियो

अनोखा हुआ दृश्य...पहली बार सामने आया घड़ियालों के प्रजनन का वीडियो
Share:

चंबल नदी में कभी आपने बिंदिया, लाड़ो, फूली, चमेली के बजरी में बने घर और उनके बच्चों की अठखेलियां नहीं देखी होंगी और ना ही उनके इस तरह के नाम सुनने के लिए मिलने वाली है। बता दें कि इनके प्रजनन के साथ इनके नामों से पहचानने वाली फोटोज सामने आई है। प्रजनन के उपरांत कैसे अंडों से बच्चे निकलकर पानी में उनकी मां तक पहुंच जाते है। भास्कर ने नेस्टिंग प्वाइंट्स पर 40 दिन तक नजर रखी और अंडों से बाहर निकल रहे शिशु घड़ियालों का आंखों देखा नजारा भास्कर ने कैमरे में कैद कर लिए जाते है।

राजस्थान में घड़ियालों के नाम से पहचान बनाने बाले प्रसिद्ध करौली जिला मुख्यालय से  60 किमी दूर राजस्थान और MP की सीमा से गुजरने वाली चंबल नदी के दोनों किनारे पर तकरीबन 45 से भी अधिक प्रजनन स्थल केद्रों पर एक साथ अंडों से बच्चे निकलकर चंबल की गोद मे चुके थे। राजस्थान की सीमा में ईटावा, धौलपुर, केसोरायपाटन, पालीघाट, मंडरायल सहित 5 रेंजों में तकरीबन 25 घाटों पर घड़ियालों का प्रजनन हुआ था। यूं तो पाली, केसोराय पाटन से यूपी के इटावा, धौलपुर तक घड़ियालों का पसंदीदा क्षेत्र है, लेकिन करौली जिले के दिव्य घमूस घाट और धौलपुर के समौना घाट पर प्रजनन की दृष्टि से अनूंठा केंद्र बन चुका है। चंबल नदी किनारे हजारों के आंकड़े में अंडों से घड़ियालों के बच्चे जन्मे हैं। चंबल नदी किनारे घड़ियाल ही नहीं मगरमच्छ के बच्चों का भी प्रजनन देखने के लिए मिला है। इन दिनों हजारों की तादात में घड़ियाल के बच्चों की अठखेलियां लुभाती हुई दिखाई दे रही है। इन बच्चों की किलकारियों ने चंबल सेंचुरी के अफसरों को खुश कर दिया है।

400 KM में हजारों घड़ियालों का जन्म: कैसोराय पाटन से लेकर धौलपुर तक लगभग 400 किमी इलाके मे फैली चंबल नदी में हजारों शिशु घड़ियालों का जन्म हुआ है। इन घड़ियाल प्रजनन केंद्रों पर इस वक़्त सैकड़ों की संख्या में घड़ियाल नजर आ रहे है। इंटरनेशनल सहायता से साल 1975 में विशेष कार्यक्रम के अंतरगर्त  घड़ियाल और मगरमच्छ बचाने के लिए प्रजनन के प्रयास शुरू किए गए थे। एमपी और राजस्थान में बहने वाली चंबल नदी में दुर्लभ प्रजाति के घड़ियालों के संरक्षण के प्रयास भी करने में लगे हुए है। इन दिनों नवजात शिशु घड़ियालों के बच्चों को चंबल नदी के किनारे बालू रेत पर रेंगते हुए और मादा घड़ियाल की पीठ पर बैठे अठखेलियां करते हुए आसानी से देख पाएंगे। इनकी सुरक्षा के लिए करणपुर इलाके चंबल घाटों पर वन रक्षक विक्रम सिंह, गणपत चौधरी, घड़ियाल वोलेन्टियर महेश मीना, सुरेश मीना इनके नेस्टिंग पॉइंटों पर निगरानी करने में लगे हुए है।

बारिश की पहली फुहार से गर्मी से मिली राहत, इंदौर में जमकर बरसे बादल

रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, हुआ ये बड़ा ऐलान

चीन का 'बुद्ध' ज्ञान, भारत को लेकर कह डाली ये बड़ी बात

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -