आज एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे है जहां पर किसी भी मर्द की एंट्री नहीं है। यहां तक कि पूरे गांव में एक ही पुरुष नहीं रहता, सभी महिलाएं ही रहती हैं। उत्तरी केन्या के सुंबुरी में उमोजा नामक गांव है, जहां आपको केवल महिलाएं ही नजर आएंगी। उमोजा एकता के लिए किस्वाहिली शब्द है। इस गांव की स्थापना 1990 में 15 महिलाओं के एक समूह द्वारा की गई थी। इन महिलाओं का ब्रिटिश सैनिकों ने बलात्कार एवं शोषण किया था। इसके बाद ही केवल महिलाओं के लिए गांव की शुरुआत करने का फैसला लिया गया।
रेबेका लोलोसोली उमोजा की संस्थापक एवं गांव की कुलमाता हैं। वह पुरुषों के एक समूह द्वारा की गई बर्बरता का शिकार हुई थीं तथा उससे उबरने के लिए चिकित्सालय में थीं, तभी उनके मन में सिर्फ महिलाओं के लिए किसी गांव को स्थापित करने का विचार आया। सम्बुरु मासाई जनजाति से निकटता से संबंधित हैं, जो एक जैसी भाषा बोलते हैं। वे आम तौर पर 5 से 10 परिवारों के समूह में रहते हैं। उमोजा की पहली सदस्य रिफ्ट घाटी के पार बसे अलग-थलग सांबुरु गांवों से आई थीं। तब से, जो महिलाएं और लड़कियां शरण के बारे में सुनती हैं वे आती हैं तथा व्यापार करना, अपने बच्चों का पालन-पोषण करना एवं पुरुष हिंसा और भेदभाव के डर के बिना रहना सीखती हैं।
फिलहाल, इस गांव में 47 महिलाएं एवं 200 बच्चे हैं। हालांकि, यहां के लोग बहुत मिलजुलकर रहते हैं। इसमें उद्यमशील महिलाएं और लड़कियां नियमित आय अर्जित करती हैं जो सभी के लिए भोजन, कपड़े और आश्रय प्रदान करती हैं। गांव के ही लोग नदी के किनारे एक किलोमीटर दूर एक कैंपसाइट भी चलाते हैं, जहां सफारी पर्यटकों के समूह रुकते हैं। इनमें से कई पर्यटक एवं आसपास के प्राकृतिक भंडारों से गुजरने वाले लोग उमोजा भी देखने के लिए जाते हैं। महिलाएं इसके लिए मामूली प्रवेश शुल्क लेती हैं।
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