उज्जैन। शुक्रवार को माघी पूर्णिमा के अवसर पर जहां शिप्रा में स्नान करने के लिये आस्थावान बड़ी संख्या में शिप्रा तट पर पहुंचे वहीं शहर के विभिन्न स्थानों पर होली का डांडा भी गाड़ा गया। करीब सौ से स्थानों पर डांडा गाड़ा गया जबकि सिंहपुरी में बड़ा गड्ढा खोदकर पूजन अर्चन संपन्न की गई। गौरतलब है कि सिंहपुरी में डांडा गाड़ने की जगह होली जलाने के लिये गड्ढा ही खोदा जाता है। डांडा गाड़ने वाले उत्साही युवाओं द्वारा ढोल ढमाके बजाये गये और हर-हर महाकाल का उद्घोष भी किया गया।
होली का डांडा गड़ने के साथ ही अब होली के त्योहार का भी आगाज हो गया है। होली डांडा गड़ने के करीब एक माह बाद होली का त्योहार मनाया जायेगा और धीरे-धीरे होली के रंगों, पिचकारियां आदि के बाजार भी शहर में सजने का सिलसिला शुरू हो जायेगा। ज्योतिषियों ने बताया कि होली का त्योहार मनाने के आगाज हेतु ही होली का डांडा गाड़ा जाता है। इधर माघी पूर्णिमा का स्नान करने वाले श्रद्धालुओं ने दान आदि कर पूर्णिमा का पुण्य लाभ प्राप्त किया। हालांकि शिप्रा नदी में गंदा पानी होने और तट पर फिसलन के साथ ही गंदगी व्याप्त होने के कारण आस्थावान नागरिकों ने नाराजगी भी जताई है तो वहीं तीर्थ पुरोहितों का यह कहना था कि नगर निगम प्रशासन की तरफ से माकूल प्रबंध नहीं किये जाने से स्नानार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
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