जन्म कुंडली में कई बार ऐसे ग्रह योग होते है, जो अनिष्ट माने जाकर संबंधित व्यक्ति को कष्ट देते है। वैसे तो योग्य ज्योतिषी के पास जाने से समस्या का समाधान अवश्य ही हो जाता है लेकिन ऐसे दान भी बताये गये है जिनका उपाय करने से अनिष्ट ग्रहों की शांति हो जाती है। दान के साथ ही मंत्रों का जाप करने का भी विधान ज्योतिष शास्त्र में उल्लेखित है।
सूर्य का दान -
माणिक्य, गुड़, कमल पुष्प अर्थात कमल का फूल, नूतन गृह, रक्त चंदन, रक्त वस्त्र, सुवर्ण, ताम्र, केशर, मुंगा ।
चंद्र का दान-
वंश पात्र, श्वेत चावल, श्वेत वस्त्र, श्वेत चंदन, श्वेत फूल, चीनी अर्थात शकर, रजत, घी, शंख, दही, मोती, कपूर।
भौम दान -
मसूर, गुड़, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, सुवर्ण, ताम्र, केशर कस्तुरी।
बुध दान-
कांस्य पात्र, हरित वस्त्र, गज दंत अर्थात हाथी दांत, घी, सर्व पुष्प, कपूर, अनेक फल।
गुरू दान-
पीला अनाज, घी, पीले पुष्प, पुखराज, हल्दी, पुस्तक, शहद, नमक, शकर, भूमि, छत्र।
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