रत्नों को ग्रहण करने से ग्रहों की प्रसन्नता प्राप्त होती है वहीं ग्रहों का अनिष्टकारक दोष भी दूर हो जाता है। यही कारण होता है कि ज्योतिषियों द्वारा जन्म कुंडली को देखकर संबंधित व्यक्ति को रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। कई रत्न सस्ते तो कई इतने महंगे भी मिलते है कि इन्हें धारण करना हर किसी की बस की बात नहीं है। ज्योतिष शास्त्र में यह उल्लेख मिलता है कि यदि रत्न धारण नहीं किये जा सकते है तो ग्रहों से संबंधित यंत्र धारण करने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है। कहने का अर्थ यह है क रत्न नहीं तो यंत्र भी काम करते है। यंत्र या तो बाजार से उपलब्ध हो जाते है या फिर उन्हें विधि विधान के साथ भोज पत्र पर भी लिखा जाकर शुभ मुर्हूत और संबंधित दिन में धारण किया जा सकता है।
कब कौन सा यंत्र धारण करें -
सूर्य का यंत्र रविवार के दिन धारण करना चाहिये जबकि चंद्रमा का यंत्र सोमवार, मंगल का यंत्र मंगलवार और बुध ग्रह का यंत्र बुधवार के दिन ही धारण करना श्रेष्ठ रहता है। इसी तरह शुक्र का यंत्र शुक्रवार, शनि यंत्र शनिवार को धारण करने की सलाह ज्योतिष शास्त्र में दी गई है। राहुल और केतु का यंत्र भी शनिवार के दिन ही धारण करना चाहिये।