नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र की प्रमुख आधार योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा, लेकिन इसमें कुछ संशोधन किए. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए किया गया है जिसमे आधार की अनिवार्यता और वैद्यता को चुनौती दी गई थी. 38 दिनों तक चली सुनवाई के बाद 10 मई को अदालत ने मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले में तीन सेट में फैसला सुनाया गया, पहला फैसला न्यायमूर्ति ए के सिकरी द्वारा सुनाया गया था, जिन्होंने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम् खानविलकर और खुद अपना फैसला लिखा था. जस्टिस ए भूषण और जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपना- अपना व्यक्तिगत फैसला लिखा. जिसमे कुछ सेवाओं/योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य रखा गया, बल्कि कुछ के लिए आधार की अनिवार्यता को अदालत ने ख़ारिज कर दिया.
इनके सेवाओं के लिए अनिवार्य है आधार
1 - पैन लिंकिंग के लिए आधार अनिवार्य होगा.
2 - इनकम टैक्स भरने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होगा.
3 -पीडीएस जैसी सरकारी कल्याण सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आधार की आवश्यकता होगी.
इन सेवाओं से अदालत ने ख़त्म की आधार की अनिवार्यता
1 -केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड, मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा नीट और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा.
2 -स्कूल में दाखिले के लिए अनिवार्य नहीं है
3 -बैंक खाता खोलने के लिए आधार की जरूरत नहीं है
4 -मोबाइल कनेक्शन को भी आधार से लिंक करने की जरुरत नहीं है
5 -प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां भी नहीं मांग सकेंगी आधार
6 -नया सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए आधार अनिवार्य नहीं है
7 -पीपीएफ, एनएसई जैसी वित्तीय सेवाओं के लिए आधार की आवश्यकता नहीं है
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आधार पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, बैंक खाते और सिम कनेक्शन के लिए अनिवार्य नहीं है आधार