नई दिल्लीः केंद्र सरकार देश के एयरपोर्टों के विकास के लिए जरूरी फंड इकट्ठा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। भारतीय विमानतल प्राधिकरण यानि एएआई ने देश के आठ ब़़डे एयरपोर्टो के पास की 759 एक़़ड जमीन बेचने का प्लान बनाया है। इन जमीनों पर निजी क्षेत्र के कारोबारी होटल, वेयर हाउस व रेस्त्रां आदि का निर्माण कर सकेंगे। जमीन बेचने से मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे के विकास में किया जाएगा।
एएआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि शहर के आसपास विकास के लिए विमानतलों के आसपास की जमीनें बेचने का फैसला किया गया है। ये सारी जमीनें संबंधित विमानतलों के आसपास है। इसे बेचने से प्राधिकरण का गैर ट्रैफिक रेवेन्यू ब़़ढेगा। जमीन बेचने से मिला पैसा हवाई सुविधाओं से वंचित शहरों व कम सुविधाओं वाले शहरों में विमानतलों की सुविधाओं के विकास पर खर्च किया जाएगा। नागरिक विमानन मंत्रालय के अधीन कार्यरत एएआई देशभर के 129 एयरपोर्ट का संचालन करता है।
इनमें से 94 एयरपोर्ट 2017--18 में घाटे में चल रहे हैं। उक्त जमीनें किसी कंपनी या संगठन को 25 से 30 साल के लिए लीज पर दी जाएगी। इनसे सालाना किराया लिया जाएगा। पिछले साल सरकार ने लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मेंगलुर, तिरवनंतपुरम व गुवाहाटी एयरपोर्ट के निजीकरण का फैसला किया था। इन छहों एयरपोर्टो को पीपीपी मॉडल (निजी--जन भागीदारी) से विकास, संचालन व प्रबंधन के लिए इसी साल फरवरी में अडाणी समूह को सौंपने का अनुबंध किया गया है।
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