अमृतसर: पंजाब की संगरूर संसदीय सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। राज्य में भगवंत मान सिंह के नेतृत्व में AAP की सरकार बनने के बाद पहला उपचुनाव हो रहा है। ऐसे में AAP से लेकर भाजपा, कांग्रेस और अकाली दल ने अपनी-अपनी पूरी जान लगा दी है। AAP के हाथों से संगरूर सीट निकल जाती है, तो लोकसभा में केजरीवाल की पार्टी शून्य पर आ जाएगी, क्योंकि भगवंत मान, पंजाब के CM बनने से पहले AAP के एकमात्र सांसद थे।
पंजाब में अपने सियासी इतिहास में भाजपा पहली बार संगरूर में लोकसभा का उपचुनाव लड़ रही है। भाजपा ने सिर्फ ढिल्लों पर दांव लगाया है, जो कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आए हैं। ढिल्लों ने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और अब भाजपा से मैदान में हैं। ऐसे में AAP ने भगवंत मान की विरासत बचाने के लिए सरपंच गुरमेल सिंह को संगरूर लोकसभा उपचुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है।
वहीं, शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) की तरफ से सिमरनजीत सिंह मान मैदान में हैं। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मान के हाथों धुरी से विधानसभा चुनाव हार चुके दलवीर सिंह गोल्डी को फिर से एक अवसर और दिया है। शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की बहन कमलदीप कौर राजोआना को चुनावी दंगल में उतारा है।
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