दिल्ली : राजधानी के रामलीला मैदान पर अन्ना हजारे का आंदोलन चल रहा है जिसमे उन्होंने कहा है कि मेरे सत्याग्रह के मंच पर किसी भी सियासी इंसान का कोई काम नहीं है. अन्ना हजारे का कहना है कि अगर सियासत से जुड़ा कोई इंसान या दल आना चाहता है तो उसे जनता के बीच में बैठना होगा. क्या दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल को भी मंच पर जगह नहीं मिलेगी इस सवाल पर अन्ना हजारे का कहना है कि ‘अगर केजरीवाल मंच पर आना चाहते हैं तो पहले उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा. उसके बाद अपनी आम आदमी पार्टी को भी छोड़ना होगा. तभी वह सत्याग्रह में शामिल हो सकते हैं और इस मंच पर भी आ सकते हैं.’
शायद ये ही वजह है कि इस बार अन्ना की शर्त के चलते सत्याग्रह में कम लोग शामिल हो रहे हैं. अगर अन्ना के पूर्व साथी योगेन्द्र यादव की बात करें तो वो भी अन्ना की तरह से ही किसानों के मुद्दों को उठा रहे हैं. लेकिन इसके साथ ही वह एक राजनीतिक दल स्वराज पार्टी भी चलाते हैं. जिसके चलते वह अन्ना के सत्याग्रह में शामिल नहीं हो सकते हैं.
इसी तरह से कुमार विश्वास को भी अन्ना के सत्याग्रह में जाने से पहले आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देना होगा और भविष्य के लिए भी राजनीति छोड़नी होगी, बहरहाल अन्ना के इस आंदोलन पर अभी तक सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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