नई दिल्ली: राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव की सियासी बिसात बिछना शुरू हो चुकी है। एक तरफ आज यानी बुधवार से राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है, तो दूसरी ओर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने ही अपना-अपना सियासी गणित बिठाने की कवायद शुरू कर दी है। इसी क्रम में ममता बनर्जी के नेतृत्व में विपक्ष की संयुक्त बैठक बुलाई गई है। इस बैठक के माध्यम से विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश है, मगर मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक से कुछ दलों ने किनारा कर लिया है। ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक में सियासी दलों के किनारा करने का सीधा फायदा भाजपा नेतृत्व वाले NDA को होता नज़र आ रहा है।
NDA के खिलाफ विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने को लेकर दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विपक्षी दलों के नेताओं की मीटिंग बुलाई गई है, ताकि NDA को इस चुनाव में शिकस्त दी जा सके। हालांकि, ममता बनर्जी की इस बैठक का एक और मायना भी निकाला जा रहा है। इस बैठक के माध्यम से ममता 2024 को भी साधने के प्रयासों में जुटी हुईं हैं। मगर, इन सबके बीच ममता की एकता की बैठक को झटका लगा है। कुछ सियासी दलों ने उनकी ओर से बुलाई गई बैठक से किनारा कर लिया है।
तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और AAP आगामी राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तरफ से बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, AAP 'राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होने के बाद ही इस मुद्दे पर अपना पक्ष और रणनीति स्पष्ट करेगी। यानी साफ है अभी दो दलों ने दूरी बनाई है आगे चलकर ये दूरियां और बढ़ भी सकती हैं, ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही विपक्ष बिखरता हुआ नज़र आ रहा है। जो NDA खेमे के लिए अच्छी खबर साबित हो सकती है।
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