बैंगलोर: दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) को बेंगलुरु में होने वाली समान विचारधारा वाली विपक्षी पार्टियों की दूसरी एकता बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस से निमंत्रण मिला है। पार्टी नेता राघव चड्ढा ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी है। हालांकि, AAP के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता पर कोई और चर्चा तभी होगी, जब कांग्रेस औपचारिक रूप से दिल्ली अध्यादेश मुद्दे पर अपना स्टैंड स्पष्ट करेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, विभागों में काम करने वाले अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर दिल्ली सरकार से नियंत्रण छीनने के लिए केंद्र का अध्यादेश साझा एजेंडा बनाने की कोशिशों में AAP और कांग्रेस के बीच एक बाधा बन गया है। पटना में विपक्षी दलों की पहली अहम बैठक में AAP ने अलग टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस ने विवादास्पद अध्यादेश पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया तो पार्टी के लिए भविष्य की बैठकों में हिस्सा लेना मुश्किल हो जाएगा।
चड्ढा ने मीडिया को बताया है कि, 'कांग्रेस पार्टी ने AAP को (बेंगलुरु में विपक्ष की मीटिंग के लिए) निमंत्रण भेजा है, हालांकि, पटना विपक्ष की बैठक के दौरान, सभी समान विचारधारा वाले दलों के सामने, कांग्रेस ने कहा था कि वे संसद का मानसून सत्र शुरू होने से 15 दिन पहले दिल्ली अध्यादेश पर अपना स्टैंड स्पष्ट कर देंगे।' उन्होंने कहा कि, 'हमें उम्मीद है कि वे जल्द ही ऐसा करेंगे और आगे की पूरी बातचीत उनका औपचारिक ऐलान के बाद ही होगा।' AAP प्रवक्ता संदीप पाठक ने 2024 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता के महत्व पर जोर दिया और उम्मीद जताई कि बेंगलुरु की मीटिंग सार्थक होगी।
संदीप पाठक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'इस बार देश को मोदी सरकार को (2024 में दोबारा सत्ता में आने से) रोकने के लिए सभी विपक्षी दलों के एकजुट होने की आवश्यकता है।' इस बीच, सर्वोच्च न्यायालय केंद्र द्वारा हाल ही में लागू अध्यादेश की वैधता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है।
आज तेलंगाना को 6100 करोड़ की सौगात, राजस्थान में भी करेंगे विकास परियोजनाओं की शुरुआत
बैलेट पेपर की लूट और आगजनी, 6 लोगों की हत्या, हिंसा के बीच बंगाल में पंचायत चुनाव का मतदान