नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विवाद एक साथ चलते है. हालिया वाकिये में केजरीवाल के घर पर सोमवार आधी रात को थप्पड़ कांड हुआ जिसमे बैठक के लिए में आये मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को आप विधायक ने थप्पड़ जड़ दिया था. इसके बाद तो सवालो की झड़ी आप सरकार पर लगा दी गई. पहला सवाल तो यही था कि आखिर रात 12 बजे मीटिंग की जरुरत क्यों पड़ी. क्यों सीएम ने उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को मुख्य सचिव सहित बुलाया, मुद्दा क्या था. इन्हीं विधायकों पर मारपीट का आरोप है.
अब भाजपा और कांग्रेस ने इसे केजरीवाल की तानाशाही का नाम दिया है, केजरीवाल के इस्तीफे की मांग पहले ही हो चुकी है. दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्य सचिव राकेश मेहता ने कहा है कि दिल्ली क्या, यह तो शायद पूरे भारत में कभी नहीं हुआ, मुख्य सचिव को हटाने की घटनाएं तो सामने आती रही हैं, लेकिन नेताओं द्वारा उनके साथ मारपीट किए जाने की कभी कोई घटना सामने नहीं आई.
राकेश मेहता ने कहा, सच तो यह है कि दिल्ली की आप सरकार तीन साल में भी अपने तमाम वादे पूरे नहीं कर पाई है, जनता को जवाब देना भारी पड़ रहा है, आप विधायकों और इस सरकार ने अगर आज तक किए हैं तो केवल विवाद, अब जब इन्हें दो साल में चुनाव नजर आ रहे हैं तो इनकी हालत खराब हो रही है, इसीलिए अधिकारियों पर दबाव डालकर उल्टे सीधे काम करा लेना चाह रहे हैं, मगर कोई अधिकारी दबाव में कभी काम नहीं करता.
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