नई दिल्ली : दिल्ली सरकार में संभावित भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद को बेनकाब करने वाली एक पत्रिका की अकाट्य जांच के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी खंडन की मुद्रा में आ गई है. सत्तारूढ़ AAP ने बुधवार को हुए खुलासे से बचने की कोशिश की. वह खुलासा जिसके केंद्र में मुख्यमंत्री के दिवंगत साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल थे.
उल्लेखनीय है कि सरकारी दस्तावेज से यह बात साफ है कि निजी तौर पर केजरीवाल प्रशासन खुद सिविक प्रोजेक्टों को अंजाम देने में बंसल की अयोग्यता से परिचित था. इस बारे में संबंधित पत्रिका की खोज से जो रिपोर्ट सामने आई उसमें खुलासा हुआ कि लोक निर्माण विभाग (PWD) ने खुद ही बंसल के स्वामित्व वाली कंपनी रेणु कंस्ट्रक्शन के काम को लाल झंडी दिखा दी थी. लेकिन PWD के शीर्ष इंजीनियरों की ओर से भेजे गए नोट की AAP की उस क्लीन चिट की खुद ही धज्जियां उड़ा दी जो बाकोली ड्रेन घोटाले में बंसल की कंपनी को दी गई.
गौरतलब है कि इस पत्रिका के पास ऐसे दस्तावेज हैं, जिनसे पता चलता है कि इंजीनियरों ने बीते साल दिल्ली के जहांगीरपुरी में रेणु कंस्ट्रक्शन की और से हाथ में लिए गए एक प्रोजेक्ट पर गंभीर सवाल उठाए थे.1.59 करोड़ रुपये के इस ठेके से जुड़े काम में इंजीनियरों ने कई खामियों को चिह्नित किया था.
एक दूसरे ठेके का काम तीन औपचारिक स्मरणपत्र भेजने के बावजूद शुरू नहीं किया. इन सब खुलासों के सीधे प्रसारण के बाद एंटी करप्शन अधिकारियों ने गुरुवार को उत्तर पश्चिम दिल्ली में PWD दफ्तर पर छापा मारा. ये कार्रवाई राष्ट्रीय राजमार्ग 44 से लगते बाकोली गांव में बंसल के संदिग्ध फर्जीवाड़े पर की गई.
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