नई दिल्ली : इन दिनों आप पार्टी के सितारे गर्दिश में है.चुनावों में लगातार हार और पार्टी के अंदर कलह से जूझ रही आम आदमी पार्टी को जल्द ही एक और झटका सहन करने के लिए तैयार रहना होगा . 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' मामले में 20 विधायकों पर चुनाव आयोग अपना फैसला सुना सकता है. संकेत है कि संसदीय सचिव बने विधायकों की सदस्यता जा सकती है.
उल्लेखनीय है कि इस मामले में आम आदमी पार्टी के खिलाफ याचिका दाखिल वाले वकील प्रशांत पटेल ने बताया कि चुनाव आयोग ने सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया है. अगले सप्ताह या फिर उसके बाद निर्णय आ सकता है.पटेल से जब पूछा कि क्या इस मामले में फैसला आप के खिलाफ जा सकता है. पटेल ने कहा कि मेरे हिसाब से संसदीय सचिव लाभ का पद है. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त केजे राव का कहना है कि 'ऑफिस ऑफ प्रॉफिट' मामले में संसदीय सचिव बने विधायकों की सदस्यता जा सकती है. संकेत तो यही कह रहे हैं.
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने 13 मार्च 2015 को अपने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था. इस पर एडवोकेट प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के पास इन सचिवों की सदस्यता रद्द करने के लिए आवेदन किया. राष्ट्रपति की ओर से 22 जून को यह शिकायत चुनाव आयोग में भेज दी गई. इसके बाद चुनाव आयोग इस पर सुनवाई कर रहा है.शिकायत में कहा गया कि यह ‘लाभ का पद’ है इसलिए आप विधायकों की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए. यही नहीं मई 2015 में चुनाव आयोग के पास एक जनहित याचिका भी दाखिल की गई थी.
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