नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के वरिष्ठ मंत्री कैलाश गहलोत ने विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आम आदमी पार्टी (AAP) और अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। गहलोत दिल्ली सरकार में गृह, परिवहन, आईटी और महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री थे। उन्होंने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में गंभीर मुद्दों और असफलताओं का जिक्र किया है।
गहलोत ने अपने पत्र में लिखा कि पार्टी यमुना की सफाई जैसे वादों को पूरा करने में असफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अब यमुना पहले से ज्यादा प्रदूषित हो गई है। साथ ही, 'शीशमहल' जैसे विवाद पार्टी की छवि पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि AAP अब जनता के अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए लड़ रही है, जिससे दिल्लीवासियों को बुनियादी सेवाएं देने में कमी आई है। गहलोत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार से लगातार टकराव के चलते दिल्ली के वास्तविक विकास पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा जनता की सेवा के लिए शुरू की थी, लेकिन मौजूदा हालात में उन्होंने AAP से अलग होने का फैसला किया।
कैलाश गहलोत का जन्म 1974 में दिल्ली के एक जाट परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम राम चंद्र गहलोत है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए, एलएलबी और एलएलएम की डिग्री ली। सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में वकील के तौर पर उनका 16 साल से ज्यादा का अनुभव है। 2015 में उन्होंने नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और उसके बाद कई अहम विभागों का नेतृत्व किया।
गहलोत के इस्तीफे पर बीजेपी ने इसे एक साहसिक कदम बताया। पार्टी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि गहलोत का कदम यह साबित करता है कि आम आदमी पार्टी अब "खास आदमी पार्टी" बन गई है। बीजेपी दिल्ली प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत को बधाई देते हुए कहा कि उनके इस्तीफे ने AAP की असफलताओं को उजागर किया है। गहलोत का यह कदम आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर चुनावों से ठीक पहले।
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