नई दिल्ली: हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को उम्मीद से कम सीटें मिली हैं, लेकिन पार्टी नेताओं का कहना है कि इससे निचले सदन में भाजपा की सीटों की संख्या कम हुई है। चुनाव परिणामों का विश्लेषण करने और AAP की भविष्य की रणनीति बनाने के लि आयोजित एक बैठक में पार्टी नेताओं ने यह आकलन किया।
AAP के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने गुरुवार को आयोजित बैठक में कहा कि पार्टी ने बहुत विपरीत परिस्थितियों में आम चुनाव लड़ा। पाठक ने बैठक में कहा कि, "हम दो उद्देश्यों के साथ आगे बढ़ रहे थे। हमारा पहला उद्देश्य मोदी सरकार को गिराना था और हमारा दूसरा उद्देश्य AAP के लिए अधिकतम सीटें हासिल करना था। आज भाजपा ने जो सीटें खोई हैं, आप लोगों ने अपने संघर्ष से रामलीला मैदान में उनकी नींव रख दी है।" बैठक में पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल हुए। इस दौरान पाठक ने कहा कि AAP ने भाजपा के पतन की "नींव का पत्थर" रख दिया है।
उन्होंने कहा कि, "संगठन और व्यक्ति का असली चरित्र मुश्किल परिस्थितियों में ही सामने आता है। हमने कड़ी मेहनत से चुनाव लड़ा, लेकिन कम सीटें मिलने के बावजूद AAP ने कमाल कर दिया। आज नहीं तो कल जीत पक्की है। हरियाणा-दिल्ली चुनाव और पंजाब उपचुनाव सामने हैं। हम फिर एकजुट होकर लड़ेंगे और जीतेंगे।" AAP के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि "पूरी व्यवस्था" भाजपा के पक्ष में होने के बावजूद पार्टी लोकसभा में अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई। अब पार्टी के लिए सबसे मुश्किल समय है। आज हमारे पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल, पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जेल में हैं। मुझे भी छह महीने जेल में रखा गया। यहां तो एक सांसद वाले भी मंत्री बन गए हैं। हमारे पास 13 सांसद हैं। अगर हमें डील करना होता तो हम कर लेते।"
उन्होंने आगे कहा कि, "लेकिन AAP एक आंदोलन की कोख से निकली है। हम राजनीति में डीलर नहीं, नेता बनने आए हैं। हम लोगों के लिए काम करने आए हैं। हम उनसे तब तक लड़ेंगे, जब तक हम उन्हें हरा नहीं देते। प्रधानमंत्री ने अहंकार में 400 पार का नारा दिया, लेकिन सिर्फ 240 सीटें आईं। जबकि पूरा मीडिया, चुनाव आयोग, पुलिस, CBI, ED और आयकर विभाग समेत पूरा सिस्टम मोदी जी के साथ था। इसके बावजूद जनता ने पूर्ण बहुमत भी नहीं दिया।" बता दें कि, 2024 के लोकसभा चुनाव में AAP दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पाई और पंजाब में, जहां वह सत्ता में है, पार्टी ने 13 में से 3 सीटें जीतीं। पार्टी बाकी सभी सीटें हार गई है।
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