चंडीगढ़: हरियाणा के गुरुग्राम में शहरी आवास विकास प्राधिकरण (HUDA) की टीम पर पत्थरबाज़ी करने के मामले में स्थानीय पार्षद निशा सिंह सहित 10 महिलाओं को कोर्ट ने 7 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इस घटना में लिप्त अन्य 7 दोषियों को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने दोषियों पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोंका है। एडिशनल सेशन जज मोना सिंह की कोर्ट ने गुरुवार (28 अप्रैल 2022) को सजा पर फैसला सुनाया।
पुलिस रिकॉर्ड में बताया गया है कि 15 मई 2015 को HUDA के JE राजपाल उच्च अधिकारियों के साथ सेक्टर-47 झिम्मर बस्ती में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहे थे। आरोप है कि इसी दौरान वकील खजान सिंह, प्रदीप जैलदार और नगर निगम की तत्कालीन महिला पार्षद निशा सिंह ने भीड़ को उकसाया। इसके बाद भीड़ ने अधिकारियों और टीम पर हमला कर दिया। भीड़ ने पुलिस टीम पर पेट्रोल बम और LPG सिलेंडर भी फेंके। इस घटना में ड्यूटी मजिस्ट्रेट और 15 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे। इसके बाद सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
घटना के बाद निशा सिंह समेत सभी 19 लोगों को अरेस्ट कर लिया गया था और उन पर दंगा करने और हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था। हालाँकि, सबूत के अभाव में हत्या की कोशिश के मामले को हटा दिया गया था। इसके बाद वे सब जमानत पर जेल से बाहर आ गए थे। हालाँकि, अब कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद सभी 17 लोगों को भोंडसी जेल भेज दिया गया है।
कौन हैं निशा सिंह ?
बता दें कि निशा सिंह ने वर्ष 2011 में गुरुग्राम के वॉर्ड क्रमांक 30 से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इसके बाद वह आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गई थीं। वह वर्ष 2016 तक पार्षद रहीं। निशा सिंह मुंबई यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग करने के बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से फाइनेंस में MBA की पढ़ाई की है। कोर्स के बाद उन्होंने गूगल कंपनी ज्वॉइन कर ली थी। इसके पहले उन्होंने सीमेंस में भी काम किया था। हालाँकि, बाद में गूगल छोड़कर वे राजनीति में उतर गई थीं।
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