कोरोना के संक्रमण को ट्रैक करने के लिए सरकार ने आरोग्य सेतु एप को लॉन्च किया है। उत्तर प्रदेश में इस घर से बाहर निकलने के लिए आरोग्य सेतु एप अनिवार्य हैं, वहीं केंद्र सरकार ने भी देशभर में उन लोगों के लिए आरोग्य सेतु एप को अनिवार्य किया है जो ऑफिस में काम करने जा रहे हैं। आरोग्य सेतु एप की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर शुरू से ही सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आरोग्य सेतु एप की सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर सवाल उठाया है।आधार कार्ड की सिक्योरिटी पर सवाल खड़े चुके फ्रांस के हैकर Robert Baptiste ने आरोग्य सेतु एप की सिक्योरिटी को कमजोर बताया है। इसके बाद सरकार ने इस दावे को खारिज कर दिया है और कहा है कि एप की सिक्योरिटी मजबूत है। यदि हम एप की सिक्योरिटी को एक किनारे रख भी दें तो आरोग्य सेतु एप में इतनी कमियां हैं कि इसका कोई फायदा सरकार को नहीं शायद ही मिलने वाला है, क्योंकि आरोग्य सेतु एप को आसानी से कोई भी वेबकूफ बना सकता है। आइए जानते हैं कैसे....
आरोग्य सेतु एप में क्या-क्या हैं खामियां?
एप में सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसे जल्दबाजी में लॉन्च कर दिया गया है, क्योंकि समय के साथ इसमें कोई अपडेशन नहीं दिया जा रहा है। देश में पिछले 40 दिनों से अधिक दिन से लॉकडाउन लगा हुआ है, जबकि एप पूछ रहा है कि क्या आपने पिछले 14 दिनों में कोई विदेश यात्रा की है।आमतौर पर जब कोई एप यूजर से सवाल-जवाब पूछने के लिए बनाया जाता है तो उसमें यूजर्स के पास भी सवाल पूछने का विकल्प होता है, जबकि आरोग्य सेतु एप के साथ ऐसा नहीं है। आरोग्य सेतु एप में जब आप आत्म परीक्षण करते हैं तो आपके सामने कुछ सीमित सवाल आते हैं जिन्हें जिनमें बुखार और खांसी जैसे लक्षणों के बारे में पूछा जाता है।अब यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पहले कोरोना के तीन लक्षण थे, लेकिन अब नौ हो गए हैं, जबकि आरोग्य सेतु एप पुराने लक्षण के बारे में ही पूछता है। आरोग्य सेतु एप में आप खुद लक्षण बताकर अपनी जांच नहीं कर सकते हैं। ऐसे में देखा जाए तो यह एप दो तरफा संचार वाला नहीं है।एप में जो लक्षण पूछे जा रहे हैं, उनके बारे में लोग झूठ बोल सकते हैं, जबकि सरकार ने खुद कहा है कि कोरोना बीमारी छुपाने वालों पर कार्रवाई होगी, तो सवाल यह है कि यदि कोई आरोग्य सेतु एप को गुमराह करता है तो उसके बारे में सरकार को कैसे पता चलेगा।
आरोग्य सेतु एप में हाल ही में एक खतरे का सिंबल दिखने लगा है जिसपर क्लिक करने के बाद एप आपसे पूछता है कि 'टेस्टिंग के लिए सैंपल कलेक्ट हो गया है? कोविड 19 का टेस्ट पॉजिटिव है? अब यहां भी कोई एप से झूठ बोल सकता है, उदाहरण के तौर पर यदि कोई 'कोविड 19 का टेस्ट पॉजिटिव है?' के विकल्प पर क्लिक कर देता है तो सरकार के पास झूठी जानकारी पहुंचेगी।भारत में 115 करोड़ मोबाइल यूजर्स हैं, जिनमें से 50.2 करोड़ लोग स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में 56 फीसदी लोगों को पास स्मार्टफोन नहीं है, जबकि सरकार कह रही है कि सभी लोग आरोग्य सेतु एप को फोन में इंस्टॉल करें। वहीं करोड़ों लोग फीचर फोन इस्तेमाल करते हैं जो कि आरोग्य सेतु एप को इंस्टॉल नहीं कर सकते है।कुल मिलाकर देखा जाए तो आरोग्य सेतु एप की अपनी एक सीमा है और इसमें आत्म परीक्षण जैसी कई खामियां हैं। इसके अलावा समय के साथ एप में अपडेशन नहीं हो रहा है। सिक्योरिटी के साथ-साथ सरकार को इन बिंदुओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है, तभी इस एप की उपयोगिता हो पाएगी।
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