गोरखपुर मंडल के संभागीय वन अधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि गोरखपुर शहर के बीचोबीच 2,800 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली पहली आरोग्य वैन प्राप्त करने के लिए तैयार है और 7 जुलाई से वन विभाग इस क्षेत्र में औषधीय पौधों की खेती भी शुरू करेगा।
“कोविड महामारी और अन्य स्वास्थ्य चुनौतियों के मद्देनजर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमें एक औषधीय वन विकसित करने का विचार दिया ताकि लोगों को औषधीय पौधों के लाभ और उपयोग के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी शिक्षित किया जा सके।” अविनाश कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन की मदद से इस उद्देश्य के लिए सरकारी भूमि निर्धारित की गई।
जमीन दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से सटी हुई है और वन विभाग नीम, आंवला, मोरिंगा जैसे 300 औषधीय पेड़ और 2,000 औषधीय जड़ी-बूटियां जैसे तुलसी, पुदीना, गिलोय आदि लगाने की योजना बना रहा है। इस आरोग्य वन में औषधीय पौधों और पेड़ों के फायदे और उपयोग बताते हुए बोर्ड लगाए जाएंगे ताकि आगंतुक पौधों और पेड़ों को देख सकें और उनके लाभ भी जान सकें।
महबूबा मुफ़्ती का सवाल- जब तालिबान से बात हो सकती है, तो पाकिस्तान से क्यों नहीं ?