कुछ वर्ष पहले आरुषि तलवार नाम की एक घटना घटी थी, जिसमें 14 साल की उम्र की एक बच्ची की हत्या की गई थी।यह घटना 15 मई 2008 को नोएडा, उत्तर प्रदेश में हुई थी। आरुषि तलवार नाम की बच्ची के पिता राजेश तलवार अपनी पत्नी नुपुर तलवार के साथ नोएडा के राजेश और नुपुर के दोस्त होम का हिस्सा थे। 15 मई, 2008 को रात को, राजेश और नुपुर ने अपनी बेटी को सोने के लिए उनके कमरे में छोड़ दिया था। नुपुर ने अपने घर में रहने वाले एक करीबी को बताया था कि वह अपनी बेटी के साथ है जबकि राजेश अपने दोस्तों के साथ दोपहर को बाहर गए थे। दोपहर के बाद, नुपुर ने अपनी बेटी के कमरे में जाकर उसे सोते हुए पाया, लेकिन कुछ देर बाद वह अपनी बेटी के साथ नहीं थी। उसने अपने पति को बताया और उन्होंने पुलिस को बताया।आरुषि हत्याकांड एक दुखद घटना थी जो भारत में हुई थी।
इसमें आरुषि तलवंडकर नाम की एक 14 वर्षीय बच्ची की हत्या हुई थी। इसमें पुलिस ने त्वरित एक्शन लिया था और अपराधियों को गिरफ्तार किया था।पुलिस ने इस मामले में बहुत त्वरित कार्यवाही की थी और कुछ हफ्तों के भीतर ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से एक लोग विजय शर्मा नाम का था, जो आरुषि की हत्या के आरोपी थे।पुलिस ने शर्मा को उनकी कार में सोते हुए पकड़ा था, जब वह दिल्ली के एक होटल से लौट रहे थे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। शर्मा ने अपने आरोपों को नकारा था, लेकिन अंत में वह दोषी साबित हुए थे और उन्हें सजा सुनाई गई।आरुषि हत्याकांड के संबंध में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। पहले तो टैक्सी ड्राइवर रवि कुमार को गिरफ्तार किया गया था जो आरुषि के पास से टैक्सी चलाता था। उसके बाद, उनके घर के बाहर मांगलवार की सुबह उनकी मैद ने लाश देखी थी और उसके बाद घटना के शामिल दूसरे आरोपी तलविश महमूद को गिरफ्तार किया गया था। CBI ने आरुषि हत्याकांड की जांच की थी, जो कि 2008 में हुआ था।
इस कांड में आरुषि तलवार से हत्या की गई थी। सभी मुख्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था, लेकिन बाद में एक न्यायालय ने उन्हें दोबारा आरोपित कर दिया था।इस घटना के बाद, केंद्र सरकार ने सीबीआई को इस मामले की जांच के लिए जिम्मेदार बनाया था। बाद में, 2017 में, दोषी घोषित किए गए थे - राजेश तलवार और नुपुर तलवार, जो आरुषि के माता-पिता थे। उन्हें जिंदा जलाने के आरोप में दोषी ठहराया गया था।यह मामला बहुत विवादित रहा है और लंबे समय तक चलता रहा है। CBI ने जांच की थी और दोषी ठहराए गए थे, लेकिन उन्हें बरी कर दिया गया था। फिर एक न्यायालय ने उन्हें फिर से आरोपित कर दिया था। यह घटना भारत में बहुत चर्चा में रही थी और इसने बहुत सारे सवाल उठाए थे।
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