राज्य के दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद जो कथित रूप से धर्मांतरण में शामिल थे, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने सभी 13 मान्यता प्राप्त हिंदू मठों के आदेशों की एक आपातकालीन बैठक बुलाने का फैसला किया है।
एबीएपी के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा- "हमें इसका समाधान खोजना होगा और सभी को समान अवसर प्रदान करना होगा ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।" इसके लिए न केवल बाहरी कारक हैं, बल्कि हमारे भीतर भी दोष-रेखाएं हैं। अनुभवों ने हमें दिखाया है कि जिन्हें मुख्यधारा में उपेक्षित किया गया है या जिन्हें बहिष्कृत माना गया है, वे दूसरे धर्मों की शरण लेते हैं।
"हम हिंदुओं से भी अनुरोध करेंगे कि वे जाति के विचारों से ऊपर उठें और सभी के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करें, आपसी सम्मान साझा करें और उन परिस्थितियों से बचें जिनमें कोई अपना धर्म बदलता है।" महंत ने कहा कि जल्द ही सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की एक बैठक होगी और एजेंडा यह होगा कि शिष्यों और आम हिंदुओं को जाति व्यवस्था से ऊपर उठकर उन लोगों को वापस लाने के लिए कदम उठाए जाएं जो बदल गए हैं।
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