लखनऊ: उत्तर प्रदेश की चित्रकूट जिला जेल में कैद रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) MLA अब्बास अंसारी की बीवी निकहत बानो को 3 दिन तक पुलिस रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही थी। इस पूछताछ में हुए खुलासे के बाद निकहत के खास मददगार और चित्रकूट में समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव फराज खान को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। दरअसल, 3 दिन की पुलिस रिमांड के दौरान निकहत से हुई पूछताछ में कई हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, निकहत बानो 18 दिसंबर को चित्रकूट आ गई थी और 10 फरवरी को अपनी गिरफ्तारी के पहले वह महज 5 दिन वैध तरीके से जेल में अपने शौहर अब्बास अंसारी से मिली थी। 18 दिसंबर से 10 फरवरी के बीच निकहत केवल 6 दिन छोड़कर रोज़ अपने पति अब्बास अंसारी से जेल में घंटों तक मिला करती थी। निकहत को चित्रकूट में रहने के लिए रूम दिलवाने और उसके लिए गाड़ियों का प्रबंध करने के आरोप में पुलिस ने चित्रकूट में सपा के जिला महासचिव फराज खान को अरेस्ट किया है। फराज पर आरोप है कि वह अपने बैंक अकाउंट में पैसा मंगाकर जेल अधिकारियों से लेकर वकीलों और अन्य लोगों तक पहुंचाता था।
चित्रकूट धाम मंडल के पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) विपिन मिश्रा ने इस पूरे मामले कि जानकारी देते हुए बताया है कि MLA अब्बास की पत्नी निकहत से पूछताछ के दौरान और भी खुलासे हुए हैं। निकहत मामले से जुड़े लोगों की एक लंबी चेन है। जिसमें चित्रकूट के आस-पास के अन्य जिलों के लोग भी शामिल हैं। जैसे-जैसे पुलिस की जांच में उनके मददगारों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते जाएंगे, वैसे-वैसे पुलिस की कार्रवाई आगे बढ़ती जाएगी। बता दें कि, अब्बास की पत्नी निकहत बानो की रिमांड समाप्त हो गई है, जबकि उनके ड्राइवर नियाज अहमद की 5 दिन की रिमांड मंगलवार (21 फरवरी) यानी आज तक चलेगी। दोनों की रिमांड की अवधि 17 फरवरी को सुबह 10 बजे से आरंभ हुई थी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, चित्रकूट जेल में कैद MLA अब्बास अंसारी से मुलाकात करने के लिए पत्नी निकहत बानो गैर कानूनी तरीके से मिलने जाती थी। चित्रकूट कारागार स्थित डिप्टी जेलर के रूम में अपने पति से अवैध रूप से मिलने के आरोप में निकहत को 10 फरवरी को अरेस्ट किया गया था। पुलिस ने कहा था कि निकहत के पास से 2 मोबाइल फोन, विदेशी मुद्रा सहित कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए थे। इस मामले के बाद अब्बास को उत्तर प्रदेश की कासंगज जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। बता दें कि, माफिया-राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बीते तीन महीने से चित्रकूट जेल में कैद थे।
वहीं, चित्रकूट रगौली जेल थाने के प्रभारी ASI श्यामदेव सिंह की शिकायत पर जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर, डिप्टी जेलर, एक सिपाही, अब्बास की पत्नी निकहत और उनके वाहन ड्राइवर नियाज अहमद सहित 5 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और सबूत से छेड़छाड़ करने सहित कई संगीन आरोपों में केस दर्ज किया गया था। इस मामले में जेल अधीक्षक और 7 अन्य कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया था और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।
अफसरों को हिसाब-किताब की धमकी:-
इससे पहले अब्बास अंसारी ने 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस अफसरों और अन्य अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा था कि, 'मेरी अखिलेश यादव जी से बात हो गई है, उन्हें मैंने कह दिया है कि, (सपा की) सरकार बनने के बाद किसी भी अधिकारी का तबादला या पोस्टिंग नहीं की जाएगी, पहले उनका हिसाब-किताब किया जाएगा। उसके बाद ही किसी का ट्रांसफर या पोस्टिंग की जाएगी।' बताया गया था कि, अब्बास उन अफसरों को धमका रहे थे, जिन्होंने उनके माफिया पिता मुख़्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवाई की थी, सपा की सरकार बनने के बाद उन पुलिसकर्मियों का हिसाब-किताब किया जाना था। लेकिन, राज्य में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी और मनी लॉन्डरिंग के आरोप में खुद अब्बास अंसारी जेल पहुँच गए और अब जेल में उन्हें मोबाइल और अन्य सामग्री देने के आरोप में उनकी पत्नी निखत की गिरफ़्तारी हुई है।
मुख़्तार अंसारी और कांग्रेस:-
बता दें कि, अब्बास अंसारी के पिता माफिया मुख़्तार अंसारी के कांग्रेस के साथ पुराने पारिवारिक संबंध रहे हैं, गैंगस्टर के दादा मुख़्तार अहमद अंसारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। और 10 साल तक देश के उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी, मुख़्तार के चाचा हैं। बता दें कि, हामिद अंसारी पर भी उपराष्ट्रपति रहते समय RAW एजेंट्स की जान खतरे में डालने के आरोप लगे थे। कांग्रेस से इन्ही संबंधों का नतीजा था कि, पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को अपनी जेल में रोके रखने के लिए हर संभव कोशिश की थी। बाद में पता चला था कि, पंजाब सरकार मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दे रही थी। पंजाब की AAP सरकार में मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दावा किया था कि, पूर्व की कांग्रेस सरकार ने मुख़्तार को जेल में VIP ट्रीटमेंट दिया और 55 लाख रुपए सुख-सुविधाओं पर खर्च किए। बता दें कि, मुख्तार पंजाब की जेल में 2 साल 3 महीने तक बंद रहे। बाद में अदालत के आदेश पर मुख्तार को यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया। बता दें कि मुख़्तार अंसारी पर हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती के कई मामले दर्ज हैं, जिसमे से अकेले 302 यानी हत्या के ही 18 मामले हैं, ये तो वो मामले हैं, जो पुलिस थानों के रिकॉर्ड में हैं, इसके अलावा न जाने कितने और अपराध होंगे, जो राजनीति की सफ़ेद पोशाख में छुपे हुए होंगे और सियासी संरक्षण के चलते दबा दिए गए होंगे।
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