पाकिस्तान के परमाणु समारोह के जनक माने जाने वाले परमाणु वैज्ञानिक डॉ अब्दुल कादिर खान का रविवार प्रातः 85 वर्ष की आयु में इस्लामाबाद में देहांत हो गया। खबरों के अनुसार, खान की सेहत बिगड़ने के पश्चात् उन्हें इस्लामाबाद के KRL हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, रविवार प्रातः लगभग सात बजे उनका देहांत हो गया।
वही पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने उनके देहांत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, 'डॉ खान के देहांत से गहरा दुख हुआ। हमें परमाणु हथियार संपन्न देश बनाने में उनके अहम योगदान की वजह से हम उन्हें प्यार करते हैं। इसने हमें एक आक्रामक एवं बड़े परमाणु पड़ोसी के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान की है। पाकिस्तान के व्यक्तियों के लिए वह एक नेशनल आइकन थे।'
चिकित्सको ने उनकी मौत की वजह से 'फेफड़े का फेल' हो जाना बताया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज खट्टक ने भी खान के देहांत पर दुख जताया। खट्टक ने उर्दू में ट्वीट किया, 'डॉ अब्दुल कादिर खान के दुखद देहांत पर गहरा दुख हुआ। बेहद बड़ी क्षति। पाकिस्तान हमेशा उनकी सेवाओं का सम्मान करेगा। देश हमारी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में उनके योगदान के लिए उनका काफी ऋणी है।' डॉ अब्दुल कादिर खान का जन्म भारत के भोपाल में 1936 में हुआ था। हालांकि मगर बंटवारे के पश्चात् खान अपने परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। डॉ खान ने अपनी आरभिंक शिक्षा कराची के डीजे साइंस कॉलेज से हासिल की थी।
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