अहमदाबाद: गुजरात में बड़े पैमाने पर हो रहे धर्मांतरण के मामलों के बीच एक नया मामला प्रकाश में आया है। भरूच के एक मौलवी और आमोद तालुका के पुरसा गाँव के चार मुस्लिमों को एक हिंदू युवक को इस्लाम में जबरन धर्मांतरित करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। पुरसा गाँव आमोद तालुका के कांकरिया गाँव के काफी करीब है, जहाँ नवंबर 2021 में आदिवासी वसावा समुदाय के 100 हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन करवाने पर FIR दर्ज की गई थी।
पुरसा मामले के पाँच आरोपियों के नाम अनवर खां इब्राहिम पठान, गेमलसंग भरतसंग सिंघा, इमरान नूरभा मलेक और जहाँगीर गुलाम सरदार मलेक बताए गए थे। उन्होंने 12 से 15 वर्ष पूर्व छगन रायजी परमार नाम के एक हिंदू व्यक्ति को धमकी दी थी कि उसे इस्लाम में धर्मांतरित होना होगा या गाँव छोड़कर जाना होगा। उन्होंने भोलाव के मौलवी अब्दुल रहीम हाफेजी नपावाला की सहायता से उसे धर्मांतरित कर अब्दुल रहमान परमार बना दिया।
अपराधियों में से एक, अनवर खां इब्राहिम पठान ने पीड़ित को एक भूखंड देने का एक शपथपत्र पेश किया, जबकि इमरान नूरभाई मलेक ने एक आवास के निर्माण का वादा करते हुए एक हलफनामा दिया। दो अन्य, जेमलसंग भरतसंग सिंघा और जहांगीर गुलाम सरदार मालेक ने पीड़िता को इस्लाम स्वीकार करने या गाँव छोड़कर जाने की धमकी दी। पीड़ित पुरसा गांव की मरियम मस्जिद में नौकरी करता था और उसे दो वर्षों से वेतन नहीं दिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, जंबूसर के डिप्टी एसपी को जाँच सौंप दी गई है। आरोपियों पर गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट के तहत इल्जाम लगाए गए हैं।
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