नई दिल्ली: देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पूरे राजकीय सम्मान के साथ लोधी श्मशान घाट पर पूर्व राष्ट्रपति पंचतत्व में विलीन हो गए। इससे पहले उनकी पार्थिव देह को आर्मी हॉस्पिटल (आरएंडआर) से 10, राजाजी मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास में रखा गया था।
इसके बाद लोधी श्मशान घाट उनके बेटे और कांग्रेस नेता अभिजीत मुखर्जी ने उन्हें मुखाग्नि दी। प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी इस मौके पर भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि वे पिता को बंगाल ले जाना चाहते थे, किन्तु उनकी ये इच्छा अधूरी ही रह गई। अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि उनकी मौजूदगी हमारे परिवार के लिए काफी अहम थी, हम उसे याद करेंगे। उनका कहना है कि कोरोना उनकी मौत की मुख्य वजह नहीं थी, बल्कि उनकी ब्रेन सर्जरी से उनकी सेहत पर काफी बड़ा प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि हम उन्हें पश्चिम बंगाल ले जाना चाहते थे किन्तु कोरोना वायरस के चलते प्रतिबंधों के चलते हम ऐसा नहीं कर पाए। जिसका हमें मलाल रहेगा।
अभिजीत ने कहा है कि उनकी योजना पश्चिम बंगाल के जंगीपुर में अपने घर की एक मंजिल को पिता की याद में म्यूजियम और लाइब्रेरी में तब्दील करने की है। अभिजीत ने कहा कि उनकी इच्छा है कि सरकार उनके पिता के सम्मान में डाक टिकट जारी करे। अभिजीत ने कहा कि उनके पिता ने उनसे कहा था कि सियासत में किसी से बदला लेने से बचना चाहिए। उनके संदेश साफ़ था और मैं इसे हमेशा याद रखूंगा।
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