आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है वाहनों में एबीएस और ईबीएस सिस्टम के बारे में। वैसे जब अचानक किसी गाड़ी में ब्रेक लगते है तो उस वक्त ब्रेक आयल के प्रेशर से ब्रेक पैड पहिये के साथ जुड़ते हैं और उसकी रफ्तार को कम कर देते हैं, तेज रफ्तार में गाड़ी के आगे अगर कुछ रूकावट पैदा होती है जिसकी वजह से गाड़ी को एकदम से रोकना पड़े तो ब्रेक पेडल को जोर से दबाया जाए ताकि गाड़ी रुक जाये। लेकी जब तेज रफ्तार में अचानक इतनी जोर से ब्रेक लगते हैं तो ब्रेक पैड व्हील के साथ चिपक जाते है। ऐसे में फिर शुरू होता है ABS सिस्टम का काम। अब जैसे ही ब्रेक पैड पहिये को जाम करने लगेंगे उसी समय स्पीड सेंसर पहिये की रफ्तार का सिग्नल ECU (Electronic Control Unit) में भेजता है। और ECU हर पहिये की रफ्तार का आंकलन करके हर पहिये की रफ्तार के अनुसार हाइड्रोलिक यूनिट को सिग्नल भेजता है। ECU से सिग्नल मिलने पर हाइड्रोलिक सिस्टम अपना काम शुरू करने लगता है, हाइड्रोलिक सिस्टम, ECU से मिले हुए सिग्नल के अनुसार हर पहिये में उसकी रफ्तार के अनुसार प्रेशर को कम या ज्यादा करता रहता है। और ऐसे ही गाड़ी के पहिये जाम होने लगते हैं हाइड्रोलिक सिस्टम थोड़ा ब्रेक प्रेशर को कम कर देता है जिससे पहिये फिर से घूमने लगते हैं और फिर ब्रेक प्रेशर बढ़ा कर पहिये को रोकता है। खास बात यह है कि ये परिक्रिया सेकंड में कई बार होती हैं और नतीजा, गाड़ी के पहिये जाम नहीं होते हैं और गाड़ी बिना परेशानी के भी मोड़ सकते है। प्रेशर को कम ज्यादा करने से ब्रैकिंग डिस्टेंस कम हो जाता है।
ध्यान देने वाली बात ये है कि EBD को Electronic break force सिस्टम कहते हैं। ये एक ऐसा सिस्टम है जो कि आपकी गाड़ी की रफ्तार, भार और रोड़ की कंडीशन के हिसाब से ब्रेक अलग-अलग पहिये को अलग अलग ब्रेक फोर्स देता है। जब कभी एकदम से ब्रेक लगते हैं तो गाड़ी आगे की तरफ को दबती है और जब किसी मोड़ पर गाड़ी को मोड़ते हैं तो गाड़ी का वजन और उस पर बैठी सवारियों का भार एक तरह होता है। ऐसे में जब इस कंडीशन में एकदम से ब्रेक लगाने पड़ते हैं तो बिना EBD की गाड़ियों के स्किड होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है क्योंकि EBD सिस्टम, वजन और रोड़ कंडीशन के अनुसार अलग अलग पहिये को अलग अलग ब्रेक फोर्स देता है जिसकी वजह से गाड़ी ऐसी परिस्थिति में भी कंट्रोल में रहती है और स्किड नहीं होती। जानकारी के लिए बता दें कि ABS और EBD दोनो ही अलग अलग सिस्टम है लेकिन वाहन में ये दोनों ही एक साथ काम करते हैं इसलिए इन दोनों का नाम भी हमेशा एक ही साथ लिया जाता है।
ABS और EBD के कई फायदे है आइये जानते हैं क्या हैं ABS और EBD सिस्टम के फायदे जिन वाहनों में ABS और EBD सिस्टम होता है, उनमें अचानक बेक लगाने पर भी स्टेयरिंग कंट्रोल में रहता है। हाई स्पीड में अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी के व्हील जाम नही होते। ABS और EBD सिस्टम तेज रफ्तार में या फिर किसी मोड़ पर अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी को स्किड/स्लिप नहीं होने देते। आपको बता दें कि ABS और EBD सिस्टम ब्रेकिंग की दूरी को कम करते हैं। यानी कि गाड़ी का ब्रेक सिस्टम पूरी तरह से कंट्रोल में रहता है। जिन गाड़ियों में ABS और EBD सिस्टम लगा होता है उनकी कीमत भी थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन ये फीचर्स पैसा वसूल हैं और सेफ्टी के लिए लिहाज से काफी असरदार हैं।
इस साल कारो की खरीदी पर मिल रहा है बम्पर डिस्काउंट, ये है पूरी लिस्ट
वोल्क्सवैगन की नयी SUV इस ऑटो एक्सपो में होओगी पेश, जाने फीचर्स
Kia Motors की 'लकी ड्राइव टू सियोल' प्रतियोगिता में इस तरह ले सकते है भाग, जाने