जम्मू: जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में बीते शुक्रवार यानी 31 जनवरी 2020 को मारे गए 3 आतंकियों को पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर अबू बाकर ने प्रशिक्षित कर चुका है. इन आतंकियों को पाकिस्तान से कश्मीर भेजने के पीछे बाकर का हाथ है और वहीं इस पूरे ग्रुप का हैंडलर भी था. आतंकियों को कश्मीर ले जाने वाले समीर डार को भी बाकर ही आदेश दे रहा था. यहीं नहीं, यह लोग वीपीएन एप के जरिए सोशल मीडिया साइट व्हाटसएप के जरिए बात कर रहे थे. जंहा आतंकियों ने नगरोटा टीसीपी के पास पुल के नीचे आईईडी लगाकर इसकी तस्वीरें भी पाकिस्तान भेज दी थीं. इसकी जानकारी पकड़े गए ओजी वर्करों ने पूछताछ में दी. ओजीडब्ल्यू को पुलिस ने पूछताछ के लिए सात दिन की पुलिस रिमांड पर ले लिया है.
सूत्रों की माने तो यह पता चला है कि अबू बाकर को मारे गए आतंकियों को पुलवामा और वहां से एक अन्य ग्रुप को बिना हथियारों के जम्मू भेजना था. इस ग्रुप ने नगरोटा के टीसीपी के पास बने पुल के नीचे लगी आईईडी को एक्टिवेट कर पुलवामा जैसे हमले को अंजाम देना था. बाकर ने इन आतंकियों को इंटरनेशनल बॉर्डर तक खुद छोड़ा था. वहां से बॉर्डर की लगी हुई फेंसिंग को काटा और वहां से भेज दिया. बाकर को पता था कि इंटरनेट पर सोशल मीडिया नहीं चल रहा. इसलिए इन लोगों ने वीपीएन एप को डाउनलोड किया और इसके जरिए अपना व्हाटसएप एक्टिव कर लिया. जैसे ही यह आतंकी घुसे तो इनको समीर डार ने ट्रक में दियालाचक से बिठा लिया. इसके बाद से लगातार वीपीएन के जरिए बातचीत हुई.
धार रोड से दिसंबर में भी पहुंचाएं थे तीन आतंकी: वहीं इस बात कि जानकारी मिली है कि समीर डार ने दिसंबर, 2019 को भी जैश के तीन आतंकियों को पुलवामा में पहुंचाया है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि हीरानगर के दियालाचक इलाके से ही आतंकियों ने घुसपैठ की. दियालचक में ही एक ट्रक में समीर ने इनके लिए हाइडआउट तैयार किया. फिर सांबा के धार रोड से इनको कश्मीर पहुंचाया. समीर डार ने पूछताछ में बताया है कि उसका काम सिर्फ आतंकियों को कश्मीर छोड़ना होता था. इसके बाद उसे कुछ नहीं पता कि आतंकी कहां जाते हैं और कहां हमला करते हैं.
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