नई दिल्ली. टाटा की स्पेशल कोर्ट ने मुंबई में वर्ष 1993 में हुए बम धमाकों के मामले में गैंगस्टर अबू सलेम सहित 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है. एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, सलेम को इस बारे में पहले ही भनक लग गई थी. इसलिए उसने जनवरी 2017 में यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स यानि ईसीएचआर में पेटिशन दायर कर पुर्तगाल वापसी की मांग की थी.
इस पेटिशन में सलेम ने भारत में खुद की मौजूदगी और ट्रायल दोनों को ही गैरकानूनी बताया है. पुर्तगाली कोर्ट में सलेम ने ये दलील दी थी कि भारत में उसके खिलाफ ऐसे मामलों में ट्रायल चल रहा है जिसमे उसे मौत की सजा भी हो सकती है. इस बात पर कोर्ट ने जवाब दिया था कि सलेम की पुर्तगाल वापसी पुर्तगाली सरकार की जिम्मेदारी है. अब टाडा कोर्ट के बयान के बाद सलेम ने दोबारा ईसीएचआर से मदद मांगी है.
सलेम का मकसद उसके खिलाफ चल रहे ट्रायल को रोकना है. इस मामले में सलेम के वकील तारिक सैयद ने बताया है कि सलेम के पक्ष में निर्णय होने के बावजूद उसे वापस पुर्तगाल ले जाने की कोशिश नहीं की गई.
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