हिन्दू धर्म में प्राचीन समय से ही चमगादड़ को बहुत ही अशुभ माना गया है। वैज्ञानिक भी इस मत में सहयोग देते हैं। दरअसल चमगादड़ हर तरह से अशुभ का प्रतीक माना गया है। आज हम आपको ज्यातिषशास्त्र के माध्यम से कुछ ऐसी जरूरी बातें बताने जा रहे है, जिन्हे जानकर आप अपने घर मे होने वाली अनहोनी को पहले ही टाल सकते हैं। हिन्दू धर्म के मुताबिक चमगादड़ को अशुभ माना जाता है। और आज हम आपसे चमगादड़ से जुड़ी होने वाली अनहोनी के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल ऐसी मान्यता चली आ रही है कि ये प्राणी अगर घर में प्रवेश कर आए तो कुछ बुरा होता है यहां तक कि चमगादड़ का घर में आना मौत का संकेत माना जाता है। घर में चमगादड़ का आना वास्तु के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टि सें भी उचित नही है।
घर में चमगादड़ के प्रवेश के साथ ही नकारात्मक शक्ति का भी प्रवेश होता है. यहां तक की ये मृत और बुरी आत्माओं के साए का भी वाहक होते हैं। नकारात्मक उर्जा से परिजनों में झगड़े और विवाद की परिस्थितियां बनने लगती हैं और दूसरे अनिष्ट की सम्भावनाएं बढ जाती हैं। घर में चमगादड़ प्रवेश कर जाता है वह जल्द ही, खाली मकान बन जाता है. घर के सदस्य वहां से जाने लगते हैं और वहां सन्नाटा पसर जाता है। चमगादड़ के वास के साथ ही घर के परिजनों पर मौत का साया छा जाता है।
चमगादड़ के घर में आने से मौत को आमन्त्रण मिलता है इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। असल में चमगादड़ के पंखों में बेहद घातक बैक्टीरिया होते हैं। इनके इन्फेक्शन से इन्सान की मौत हो सकती है। दुनिया में चमगादड़ के हमले से मौत के कई मामले सामने आ चुके हैं। आज के समय में इबोला जैसे घातक बिमारी भी इन चमगादड़ों से फैल रही है। इबोला से जुड़े ताजा शोध में इस बात की पुष्टी हुई है कि चमगादड़, बन्दर और गोरिल्ला इस बिमारी के वाहक हैं। इस तरह की लालइलाज बिमारियों के वाहक होने का कारण ही यह कहा जाता है कि यदि किसी व्यक्ति पर चमगादड़ हमला कर दे तो समझों उसकी मौत हो गई।
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