मूवी के साथ-साथ ओटीटी में भी काम कर चुके एक्टर मनोज बाजपेयी का कहना है कि जब बात अपने कार्य को दिखाने की आती है तो वह कभी भी फेवरेट माध्यम नहीं चुन पाते है। अभिनेता ने बोला "रचनात्मक लोगों के निण् फेवरेट नहीं होना चाहिए, क्योंकि आप जिस भी माध्यम के लिए कार्य कर रहे हैं, उस पर आपको कार्य करना चाहिए। आपको केवल अच्छे कार्य की तलाश करनी है जो आपको उत्साहित और चुनौती दे।"
वह उन हालिया परियोजनाओं के उदाहरण देते हैं जिनमें उन्होंने कार्य किया और जो डिजिटल रूप से सामने आई हैं। उन्होंने बोला "ओटीटी पर आने वाली कई मूवीज ने अच्छा प्रदर्शन किया है। 'भोंसले' और 'साइलेंस' थिएटर रिलीज की जाने वाली थी। ओटीटी एक आशीर्वाद के रूप में आया और हम इन मूवी को लोगों के देखने के लिए ओटीटी पर रख सकते हैं। थिएटर फिर से खुलेंगे। अधिक रास्ते, हम सभी के लिए हमेशाअवसर हो सकते हैं। अधिक प्रतिभा का उपभोग किया जाएगा और इससे लाभ होगा।"
एक्टर का कहना है कि स्क्रिप्ट चुनने के लिए उनका मानदंड हमेशा एक जैसा रहा है। उन्होंने बोला, "एक अच्छी पटकथा, अच्छा चरित्र और अच्छा निर्देशक, एक ईमानदार इरादा और एक ऐसा चरित्र जो मुझे लगता है कि मैं अलग तरह से निभा सकता हूं, कहीं न कहीं मैं इसे चुनौती देने वाले है और इसे अलग तरह से कर सकता हूं। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हें मैं अपने 26 साल के करियर के बाद भी देखता हूं।"
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