नई दिल्ली: डोकलाम विवाद को लेकर चीन का रुख असामान्य रूप से आक्रामक और स्पष्ट है. विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार को एक संसदीय समिति को यह जानकारी दी है. जयशंकर के अनुसार भारत तनाव कम करने के लिए राजनयिक माध्यम से चीन से बातचीत कर रहा है.
गौरतलब है कि इस संसदीय समिति की बैठक में करीब 20 सदस्य मौजूद थे.इन में से कुछ ने प्रेस को बताया कि विदेश सचिव ने समिति को बताया कि सीमा को लेकर भारत और चीन दोनों ने अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, लेकिन उसका गलत अर्थ लगाया जा रहा है. जिसे भारत इसे अपने तरीके से स्पष्ट कर रहा है. बता दें कि एक एंग्लो-चीनी समझौते के अनुसार वर्ष 1895 से अब तक भारत के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है.
उल्लेखनीय है कि उक्त बैठक बेहद गोपनीय थी इसलिए नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी देते हुए कुछ सदस्यों ने विदेश सचिव जयशंकर के हवाले से बताया कि वर्तमान टकराव को लेकर चीन की आक्रामकता और वाकपटुता असामान्य है, लेकिन फिर भी स्थिति इतनी भी जटिल नहीं है, जैसा कि एक पक्ष द्वारा बताया जा रहा है. हम उनसे राजनयिक तरीके से बात करना जारी रखेंगे. खास बात यह है कि विदेश सचिव ने डोकलाम के वर्तमान हालातों के लिए ‘युद्ध जैसी स्थिति या विवाद’ जैसे शब्दों के बजाय ‘टकराव’ शब्द का इस्तेमाल किया. इससे डोकलाम की वास्तविक स्थिति का पता चलता है.
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