चिकित्सा में इतनी प्रगती कभी नहीं हुई, जितनी इस दौर में हुई है. लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी तेजी पैर पसार रही हैं. यही वजह है कि WHO ने स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस (World Health Day) मनाने का फैसला किया. इतना ही नहीं, इस दिवस का मनाने का उद्देश्य उन देशों की भी मदद करना भी है, जहां चिकित्सा में प्रगति के बावजूद स्वास्थ्य सेवाएं नहीं पहुंच पाती हैं. WHO के अनुसार, आज हम आपको ऐसे पांच खतरों के बारें में बताने जा रहा है जो आपकी जान भी ले सकते है. तो चलिए जानते है इनके बारें में....
1) कोरोना वायरस: इस बीमारी की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई और आज यह इस कदर फ़ैल रही है कि अब तक कई मौत कि खबरें सामने आ गई है जिसके कारण आज कई लोगों के दिलों में यही दर बना हुआ है कि इस लक्षण के बचने का कोई ऐसा उपाय नहीं है जिसे अपना कर जान बचाई जा सके, यह बिमारी ख़ास तौर पर चमगादड़ के सेवन या मांस, मटन का सेवन करने से उत्पन्न हो रही है.
2) वायु प्रदुषण और जलवायु परिवर्तन: WHO के अनुसार, वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन साल 2019 के सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरों की सूची में शीर्ष पर है. हर दिन दस में से नौ लोग प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं, और इससे स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है. डब्ल्यूएचओ वायु प्रदूषण को स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा पर्यावरणीय जोखिम मानता है. इससे सीधे रूप से फेफड़े, हृदय और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है. कैंसर, स्ट्रोक, हृदय संबंधित जैसे रोगों से हर साल समय से पहले 7 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है.
3) गैर-संक्रामक रोग: गैर-संक्रामक और जीवनशैली आधारित बीमारियों जैसे मधुमेह, कैंसर और हृदय रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि के साथ 2019 में स्वास्थ्य खतरों की सूची में दूसरे स्थान पर आते हैं. दुनिया भर में 70 फीसदी मौत इन रोगों के कारण होती हैं. WHO के अनुसार लगभग 15 मिलियन लोग 30 से 69 वर्ष की आयु में समय से पहले मर जाते हैं और इनमें से 85% से अधिक की मृत्यु निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती है. इन रोगों के पांच प्रमुख कारण बताए गए हैं- तंबाकू का सेवन, शारीरिक निष्क्रियता, शराब का सेवन, खराब खानपान और वायु प्रदूषण.
4) प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में कमी: सभी लोगों को अच्छी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की आवश्यकता है. WHO का मानना है कि सभी लोगों को व्यापक, सस्ती प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा मिलनी चाहिए. कई गंभीर रोगों को शुरुआत में खत्म करने के लिए मजबूत प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता होती है. प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल उन बीमारियों को रोकने में मदद करती है, जो बाद में अनुपचारित होने पर घातक साबित हो सकती हैं.
5) एचआईवी (HIV): एचआईवी /एड्स हमेशा दुनिया में सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरों में से एक रहा है. WHO के अनुसार, एचआईवी के खिलाफ बड़े स्तर पर काम हो रहा है. इससे अभी तक 70 मिलियन से अधिक लोगों को अपनी चपेट में लिया है जबकि लगभग 35 मिलियन लोग मारे गए हैं. WHO के अनुसार दुनिया भर में 37 मिलियन से अधिक लोग HIV से पीड़ित हैं.
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