इस्लामाबाद: 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बना पाकिस्तान अपनी कट्टरपंथी हरकतों के चलते इस समय आर्थिक तंगी, राजनितिक अस्थिरता, अराजकता और आतंकी हमलों का सामना कर रहा है। इन तमाम समस्याओं के बावजूद पाकिस्तान के कट्टरपंथी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, उनके सर पर अब भी धर्मान्धता का भूत चढ़ा हुआ है, जिसका खामियाज़ा अल्पसंख्यक समुदायों (सिख-ईसाई और हिन्दू) के मासूम लोगों को जान देकर चुकाना पड़ रहा है।
Graphic Warning ⛔️ #Punjab #Pakistan has become a hell for Pakistani minorities right now. Another alleged #blasphemy case, A Man shot dead without Investigating or any evidence.
— Faraz Pervaiz (@FarazPervaiz3) August 21, 2023
His house was looted and all belongings were thrown out of the house. pic.twitter.com/aUTLH8mlI8
वहीं, अब जारनावाला में ईसाई समुदाय पर इस्लामवादियों के हमले के कुछ दिनों बाद, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 'ईशनिंदा' के आरोप में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई है। कार्यकर्ता फ़राज़ परवेज़ द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस घटना की पुष्टि की गई थी। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, 'ग्राफिक चेतावनी। पंजाब, पाकिस्तान इस समय पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों के लिए नर्क बन गया है। एक और कथित ईशनिंदा का मामला, एक व्यक्ति की बिना जांच या किसी सबूत के गोली मारकर हत्या कर दी गई।' रिपोर्ट के अनुसार, मृतक ईसाई समुदाय से था। परवेज ने बताया कि पीड़ित के घर में लूटपाट की गयी और उनका सामान बाहर फेंक दिया गया। उनके द्वारा साझा किए गए वीडियो में, एक उन्मादी भीड़ को सड़कों पर इकट्ठा होते देखा जा सकता है, जबकि पृष्ठभूमि में गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है। कार्यकर्ता ने यह भी बताया कि पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले के जारनावाला में TLP (तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान) से संबंधित इस्लामवादियों द्वारा एक बार फिर एक चर्च को अपवित्र किया गया।
Christians are under Attack In Pakistan.
— Faraz Pervaiz (@FarazPervaiz3) August 21, 2023
In broad daylight, #TLP Islamist inscribed praises for #Allah and #Muhammad Church's wall in #Jaranwala Pakistan.
If church removes it, there's risk of sparking #blasphemy rumors, potential violence akin to #Jaranwala where 21 Churches… pic.twitter.com/hgxgOFJdGU
उक्त चर्च की दीवारों पर अल्लाह और पैगंबर मुहम्मद की स्तुति लिख दी गई थी। फ़राज़ परवेज़ ने कहा, "अगर चर्च इसे हटाता है, तो ईशनिंदा की अफवाहें भड़कने का खतरा है, जारनवाला जैसी संभावित हिंसा का खतरा है, जहां 21 चर्च और 400 घर जला दिए गए थे।" यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान का अपने अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों के साथ व्यवहार पहले से ही सवालों के घेरे में है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में कई बार इसकी कड़ी आलोचना की गई है। पाकिस्तान में चरमपंथी ईशनिंदा के नाम पर सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने और हिंदुओं और ईसाइयों सहित अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए झूठे आरोपों और निराधार आरोपों का इस्तेमाल करने के लिए भी कुख्यात हैं। यह उत्पीड़न, जिसे ईशनिंदा के आरोपों की मदद से छुपाया गया है, पाकिस्तान की पहचान बन गई है। जहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ भीड़ के हमले आम हो गए हैं, जिन्हें अक्सर कानूनी प्रणालियों और सत्ताधारियों द्वारा सहायता और बढ़ावा दिया जाता है।
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