लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच आम आदमी पार्टी ने बठिंडा-मोगा-जालंधर-जम्मू को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 105-बी में करोड़ों रुपये के जमीन घोटाले में सूबे के कैबिनेट मंत्री, कांग्रेसी विधायक और अन्य अफसरों की मिलीभगत का आरोप लगाया है. वहीं पार्टी ने मामले की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराए जाने की मांग भी की है.
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बुधवार को नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने मीडिया से कहा कि जमीन घोटाले को राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ और मोगा से कांग्रेसी विधायक हरजोत कमल समेत सत्ताधारी पक्ष के अन्य नेताओं, अफसरों और दलालों पर आधारित हाईप्रोफाइल लैंड माफिया ने अंजाम दिया है.
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अपने बयान में आगे उन्होंने कहा कि इस घोटाले से न केवल किसानों और छोटे जमीन मालिकों को बल्कि सरकारी खजाने से भी चपत लगी है. चीमा ने बताया कि हाईवे को बाघापुराना-मोगा-धर्मकोट द्वारा जालंधर-जम्मू हाईवे से सीधा जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है. इसके लिए धर्मकोट, मोगा, बाघापुराना, जैतो और रामपुराफूल हलके की जमीनें अधिग्रहण की गई हैं. साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि घोटाले में राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ और विधायक हरजोत कमल समेत सत्ताधारी पक्ष के कई नेता सीधे तौर पर शामिल हैं. यहां तक कि करीब 350 करोड़ रुपये की अधिग्रहण राशि का लेनदेन हरजोत कमल के गांव अजितवाल स्थित निजी बैंक द्वारा ही हुआ है. वही, चीमा ने दस्तावेज पेश करते बताया कि 10 जनवरी, 2020 को जमीन की पहचान के लिए पहले नोटिफिकेशन हुआ जबकि नोटिफिकेशन जारी करने से पहले कांग्रेस के नेता और संबंधित अधिकारी इस प्रोजेक्ट के बारे में पूरी तरह से अवगत थे. दूसरा नोटिफिकेशन 21 मई, 2020 और अंतिम नोटिफिकेशन 22 मई, 2020 को जारी हुए. इस दौरान नवंबर, 2019 से लेकर मई, 2020 तक एनएच 105-बी के अधीन आती जमीन की 55 से अधिक सेल डीड र्हुइं.
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