मुंबई: मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम की गतिविधियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक को जमानत देने से साफ मना कर दिया। स्पेशल जज आर. एन. रोकड़े ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मलिक की जमानत याचिका पर 14 नवंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि वह 24 नवंबर को फैसला सुनाएगी। हालांकि, उस दिन कोर्ट ने यह कहते हुए मामले को 30 नवंबर तक के लिए टाल दिया था कि आदेश तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि, केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इसी साल फरवरी में नवाब मलिक को अरेस्ट किया था। वह फ़िलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और उनका यहां एक प्राइवेट अस्पताल में उपचार चल रहा है। मलिक ने जुलाई में विशेष अदालत में नियमित जमानत याचिका दाखिल की थी। मलिक ने धन शोधन को लेकर उनके खिलाफ केस चलाने के लिए कोई गंभीर अपराध नहीं होने की दलील देते हुए जमानत दिए जाने का आग्रह किया था। हालांकि, जांच एजेंसी ने दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) द्वारा दर्ज केस को आधार मानते हुए जमानत का विरोध किया था।
इस पूरे मामले में ED ने दावा किया था कि आरोपी नवाब मलिक, दाऊद इब्राहिम और उसकी बहन हसीना पारकर के साथ काम कर रहा था और उसके बेकसूर होने का कोई प्रश्न ही नहीं है। मलिक के खिलाफ ED का मामला NIA द्वारा दाऊद इब्राहिम, एक नामित वैश्विक आतंकवादी और 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले के प्रमुख आरोपी और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज की गई FIR पर आधारित है।
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