यह बात तो हम सभी जानते है कि हम सभी नव वर्ष में प्रवेश कर चुके है,बीते 40 वर्षों से इस प्रतियोगिता में सिर्फ केन्या के खिलाड़ी ही पदक भी जीत लेते थे, लेकिन साबले ने पोडियम पर दूसरा स्थान हासिल करके इतिहास के पन्नों में अपना नाम अमर भी कर चुके है। जिसके साथ साथ भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार क्रिकेट के आगमन पर कांस्य पदक जीतकर अपना लोहा मनवाया, जबकि महिला हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीतकर राष्ट्रमंडल खेलों में 16 वर्ष का सूखा समाप्त किया। निखत ज़रीन ने विश्व चैंपियन का खिताब जीतने के उपरांत राष्ट्रमंडल खेलों में भी स्वर्ण जीता, जबकि इंडिया ने मुक्केबाजी में कुल सात पदक अपने नाम किये।
मीराबाई चानू ने राष्ट्रमंडल खेलों में आसानी से गोल्ड मेडल के उपरांत कलाई में चोट के बावजूद वर्ल्ड भारोत्तोलन चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल भी अपने नाम कर लिया है। इस वर्ष राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय भारोत्तोलकों ने कुल 10 पदक जीते, जबकि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की अगुवाई में पहलवानों ने कुल 12 तमगे देश के सुपुर्द भी कर दिए है। देशवासियों की नजरें फिर भी उनके परम प्रिय खेल क्रिकेट पर बनी हुई है। भारत को पहले एजबेस्टन टेस्ट में हार मिली, फिर एशिया कप में करारी शिकस्त मिली, और इसके बाद विश्व कप सेमीफाइनल में भी 10 विकेट की शर्मनाक हार को झेलना पड़ गया है।
इंडियन टेबल टेनिस के दिग्गज खिलाड़ी अचंत शरत कमल ने भी बीते वर्ष का यागदार अंत भी कर दिया है। उम्र को धता बताकर राष्ट्रमंडल खेल 2022 में दो स्वर्ण और एक रजत जीतने वाले 40 साल के शरत कमल ने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित होकर 2022 का अंत कर दिया। शरत कमल, विराट कोहली, मीराबाई चानू और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की विजय पताका लहराने वाले सभी खिलाड़ी युवाओं को अनूठे तरीकों से प्रेरित कर रहे हैं। निश्चित ही भारत में खेलों का भविष्य उज्ज्वल है।
बीते वर्ष टेनिस में भी भारत में चमका अपना नाम
खेल जगत में यादगार रहा भारत के लिए बीता वर्ष
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