भोपाल: देश में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजारी भी जारी है लोग काफी हद तक बुरा काम करने में जुटे हुए हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश के अलावा भी देश के कई अन्य हिस्सों में ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश पुलिस ने बीते मंगलवार को एक बयान जारी किया है जिसमे कहा गया है कि, ''इंदौर में COVID-19 की दूसरी लहर के बीच नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत 21 लोगों के खिलाफ रेमेडिसिविर (एंटी-वायरल ड्रग) इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के आरोप में 11 मामले दर्ज किए गए हैं।''
इसी के साथ इंदौर के आईजीपी हरिनारायणचारी मिश्रा ने कहा, "हमने नकली रेमेडिसिविर बेचने और इसकी कालाजारी करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। इन लोगों को पकड़ने के लिए एक एसआईटी का भी गठन किया गया है। हाल ही में, 7 लोगों के खिलाफ गुजरात से मध्य प्रदेश 1200 नकली रेमेडिसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। उनके सहयोगियों को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम गुजरात भेजी गई है।"
वही उन्होंने यह भी बताया है कि, ''नकली रेमेडिसिविर इंजेक्शन की बिक्री के कारण कई मरीजों की जान चली गई। इसलिए कुछ लोगों के खिलाफ मौत का भी मामला दर्ज किया गया है। कुछ मेडिकल स्टोर जो नकली रेमेडिसिविर बेचने में शामिल थे, उनके खिलाफ जांच चल रही है।'' इसी के साथ उनका कहना है कि, "इन नकली इंजेक्शनों को बनाने के लिए ग्लूकोज और नमक जैसी चीजों का इस्तेमाल किया गया।"
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