रायपुर: शुक्रवार, 29 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों द्वारा किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) विस्फोट के बाद बस्तर फाइटर (छत्तीसगढ़ पुलिस की एक विशेष आतंकवाद विरोधी इकाई) के कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम हिरोली कैंप के पास तलाशी अभियान पर निकली थी, तभी हिरोली और कंवरगांव गांवों के बीच माओवादियों ने विस्फोट कर दिया, जिसमें बस्तर फाइटर्स का एक जवान घायल हो गया।
घायल जवान की पहचान अरविंद एक्का के रूप में की गई है, जिनके एक पैर में गंभीर चोटें आई हैं। बताया गया है कि प्रारंभिक इलाज के बाद उक्त कर्मी को बेहतर इलाज के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर रेफर किया गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। अन्य समाचारों में सुरक्षा बलों ने उग्रवाद प्रभावित सुकमा जिले में चलाए गए बैक-टू-बैक ऑपरेशन में एक अस्थायी माओवादी शिविर को नष्ट कर दिया और प्रतिबंधित माओवादी संगठन से जुड़े दो चरमपंथियों को पकड़ लिया।
जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के जवान शुक्रवार, 29 दिसंबर को तलाशी अभियान पर निकले थे, जहां उन्होंने सुकमा के तुमालपाड़ इलाके में संचालित एक अस्थायी माओवादी शिविर को नष्ट कर दिया। बताया गया है कि सुरक्षा दल ने शिविर से दैनिक उपयोग की सामग्री और अन्य सामग्री भी बरामद की है। यह घटनाक्रम सुरक्षा बलों द्वारा सुकमा के बुरदापारा इलाके में शुरू किए गए एक अन्य ऑपरेशन में प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के एक अनुभवी कैडर को पकड़ने के एक दिन बाद हुआ। गिरफ्तार कैडर सुरक्षा बलों पर विभिन्न हमलों में शामिल था और उसके सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम था।
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पकड़े गए आरोपी की पहचान वंजाम हिडमा के रूप में हुई है, जो प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी की पामेड़ क्षेत्र समिति से जुड़ा था। पता चला है कि सुरक्षा बलों ने वंजाम के कब्जे से 5 किलो वजनी टिफिन बम, कोडेक्स वायर, 3 जिलेटिन की छड़ें और अन्य सामग्री भी बरामद की है। सुरक्षा बलों की एक अलग टीम ने शुक्रवार को ही भेज्जी पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत जग्गावरम के जंगलों से प्रतिबंधित माओवादी संगठन के एक और कैडर को पकड़ा। गिरफ्तार कैडर की पहचान सुकमा के डब्बाकोटा निवासी कवासी पांडू के रूप में की गई है। पता चला है कि सुरक्षा बलों ने पांडु द्वारा दिए गए इनपुट पर डेटोनेटर और कोडेक्स वायर समेत अन्य विस्फोटक सामग्री के साथ जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।
बता दें कि हाल ही में, सुरक्षा बल झारखंड और ओडिशा के स्वाभिमान आंचल में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियान चला रहे हैं, जिससे बूढ़ा पहाड़ और पारसनाथ क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद को रोकने में कुछ उत्कृष्ट उपलब्धियाँ हासिल हुई हैं। इसके अतिरिक्त, छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित बस्तर संभाग में सुरक्षा बलों की बढ़ती उपस्थिति ने भी प्रतिबंधित माओवादी संगठन को खनिज समृद्ध राज्य में अपने चरम पर प्रभुत्व वाले क्षेत्र की तुलना में एक छोटे क्षेत्र में सीमित कर दिया है।