लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भिक्षावृत्ति से विमुक्त हुए बच्चों को 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' का प्रमाण पत्र एवं शैक्षणिक किट वितरित किया। योजना तहत उन्हें 2500 रुपये प्रति माह प्रदान किया जाएगा। इस के चलते उन्होंने कहा कि भिक्षाटन प्राचीन काल में भारतीय परंपरा का भाग था। मगर, इसमें सन्यासी के लिए दिन में एक बार किसी परिवार के समीप जाकर भिक्षा लेने का प्रावधान था।
उन्होंने कहा कि इसके पीछे का मकसद अपने व्यक्तिगत अहंकार को त्याग कर समाज को जानने-समझने का अवसर प्रदान करना था। मगर, जब इसके साथ व्यवसाय जुड़ जाता है, तो उसका एक खतरनाक पहलू देखने को मिलता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन बच्चों के पास विद्यालय जाने का मौका होता है, जिनके सुनहरे भविष्य के लिए कई योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से उन्हें आगे बढ़ाया जा सकता है, उन बच्चों को भिक्षावृत्ति में धकेल दिया जाता है। कई बार सुनने को मिलता है कि गैंग बच्चों को दिव्यांग बनाकर फिर उनसे जबरन भिक्षावृत्ति करवाते हैं।
सीएम ने कहा इसमें से कई गैंग के खिलाफ वक़्त-वक़्त पर कार्रवाई भी होती रही है। भिक्षावृत्ति को वृत्ति के तौर पर लेने वाले ऐसे गैंग का भंडाफोड़ हो सके तथा ऐसे परिवारों का पुनर्वास किया जा सके, इस दृष्टि से स्माइल परियोजना प्रारंभ की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा 102 बच्चों का आज यहां पर पुनर्वास किया गया है। इनके मन में उत्साह है, तमन्ना है, जीवन में कुछ कर गुजरने का जज्बा है। उन्होंने कहा कि इस जज्बे को प्लेटफार्म देने का काम प्रशासन का होना चाहिए तथा प्रशासन ने अपनी इस जिम्मेदारी को अच्छी प्रकार निभाया है। इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को साथ में जोड़ा गया, जिसका नतीजा आज सबके सामने है। इन कोशिशों से ये बच्चे अपने उज्जवल भविष्य के लिए एक नई लगन के साथ आगे बढ़ रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज बेसिक शिक्षा परिषद प्राइमरी स्कूलों मेें दाखिला लेने वाले हर बच्चें को यूनिफॉर्म, किताबें, ड्रेस, जूते-मोजे आदि उपलब्ध करा रहा है। प्रदेश के बेसिक स्कूलों में 1.91 करोड़ बच्चे हैं। सभी को इसका फायदा प्राप्त हो रहा है। नया दाखिला लेने वाले बच्चों को भी योजना का पूरा लाभ दिया जाएगा।
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