नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उप-राज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय से दिल्ली वक्फ बोर्ड के पूर्व CEO और IAS अधिकारी एसएम अली के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अनुशंसा की है। एसएम अली पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष और मौजूदा आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान के कहने पर अवैध प्रस्तावों को हरी झंडी दी थी।
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि LG वीके सक्सेना ने CCA रूलिंग 1965 के नियम 16 के अंतर्गत केंद्रीय गृह मंत्रालय से दिल्ली वक्फ बोर्ड के पूर्व CEO और IAS अधिकारी एसएम अली के खिलाफ कार्यवाही करने की सिफारिश की है। दरअसल, एसएम अली पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के CEO रहते हुए, नए CEO और संविदा कर्मियों की नियुक्ति मामले में अनियमितता बरतने और नियम तोड़ने के इल्जाम लगे हैं। इस मामले में बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान के खिलाफ चल रही CBI की जाँच रिपोर्ट में सामने आया है कि एसएम अली ने वक्फ वॉर्ड के CEO रहते हुए बगैर किसी आपत्ति के अवैध प्रस्तावों को अनुमति दे दी थी।
इतना ही नहीं, उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड के CEO पद के लिए प्रकाशित विज्ञापन में दिल्ली वक्फ अधिनियम और अन्य नियम तोड़े गए थे। साथ ही, नए CEO के रूप में महबूब आलम की नियुक्ति को स्वीकृति देते हुए औपचारिक तौर पर अपना पद भी महबूब आलम को सौंप दिया था। बता दें है कि AAP विधायक अमानतुल्लाह खान दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में संगीन आरोपों का सामना कर रहे हैं। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधी शाखा (ACB) ने कहा था कि AAP विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ बेहद संगीन आरोप हैं। इन आरोपों की वजह से अताउल्लाह खान को आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अताउल्लाह खान कई अनियमितताओं में शामिल थे।
बता दें कि, अमानतुल्लाह खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए आर्थिक हेराफेरी, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में किरायेदारी का निर्माण, वाहनों की खरीदी में भ्रष्टाचार और दिल्ली वक्फ बोर्ड में सेवा नियमों में उल्लंघन करते हुए 33 लोगों की नियुक्ति करने के इल्जाम है। इन तमाम आरोपों को लेकर ही ACB ने वर्ष 2020 में अमानतुल्लाह खान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और IPC के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था।
जनता अगर जज होती, तो गोडसे 'निर्दोष' घोषित होते.., जस्टिस खोसला ने क्यों कही थी ये बात ?
विनोबा भावे की पुण्यतिथि आज, जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ अहम तथ्य
अंग्रेज़ों के लिए दहशत का दूसरा नाम थे बिरसा मुंडा, भारतीय मानते हैं 'भगवान'