नई दिल्ली: ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘कार्तिकेय 2’ जैसी सफल फिल्मों के निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता राम चरण से हाथ मिलाया है। दोनों मिल कर एक नई फिल्म बनाने वाले हैं, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित होगा। इस फिल्म का नाम होगा ‘The India House’, जिसमें निखिल सिद्धार्थ और अनुपम खेर लीड रोल्स में होंगे। फिल्म का टाइटल अनाउंसमेंट वीडियो भी जारी कर दिया गया है, जो काफी देखा और पसंद किया जा रहा है।
On the occasion of the 140th birth anniversary of our great freedom fighter Veer Savarkar Garu we are proud to announce our pan India film - THE INDIA HOUSE
— Ram Charan (@AlwaysRamCharan) May 28, 2023
headlined by Nikhil Siddhartha, Anupam Kher ji & director Ram Vamsi Krishna!
Jai Hind!@actor_Nikhil @AnupamPKher… pic.twitter.com/YYOTOjmgkV
राम चरण ने इसका ऐलान करते हुए लिखा कि, 'हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की 140वीं जयंती पर हम अपनी अगली पैन-इंडिया फिल्म का ऐलान कर रहे हैं – The India House.' बता दें कि राम वामसी कृष्णा इस फिल्म को डायरेक्ट करेंगे। राम चरण की कंपनी ‘V मेगा पिक्चर्स’ और अभिषेक अग्रवाल की ‘अभिषेक अग्रवाल आर्ट्स’ मिल कर इस फिल्म का निर्माण कर रही है। फिल्म लंदन में हुए एक बम ब्लास्ट के इर्दगिर्द घूमती दिख रही है।
इस फिल्म में अनुपम खेर जाने माने स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा के रोल में रहेंगे, वहीं निखिल सिद्धार्थ के किरदार का नाम ‘शिवा’ होगा। बता दें कि क्रांतिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रणेताओं में शामिल थे, जिन्होंने दयानंद सरस्वती द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की वकालत की। उनका कहना था कि आक्रामकता का विरोध करना केवल न्यायसंगत ही नहीं है, बल्कि आवश्यक भी है। सन् 1905 में उन्होंने ‘India House’ और ‘The Indian Sociologist’ की स्थापना की थी।
आगे जाकर यही इंडिया हाउस क्रांतिकारियों की बैठकों का एक मुख्य स्थान बन गया। ये उस वक़्त ब्रिटेन में भारतीय राष्ट्रवाद का बड़ा ठिकाना था। काशी के ब्राह्मणों द्वारा श्यामजी वर्मा को ‘पंडित’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। वो पेशे से अधिवक्ता थे। वो वैदिक दर्शन के प्रख्यात विद्वान भी थे। साथ ही वो कांग्रेस द्वारा अंग्रेजों से बार-बार गुहार लगाए जाने के फैसलों के एकदम विरुद्ध थे।
इस फिल्म में दिखाया जाएगा किस तरह उस ‘इंडिया हाउस’ को जला दिया गया था। साथ ही स्वतंत्रता संग्राम की गाथा के बीच एक प्रेम कहानी को भी दर्शाया जाएगा। ये फिल्म भारत की कई प्रमुख भाषाओं में रिलीज की जाएगी और विदेशी भाषाओं में भी इसे बनाया जाएगा। कैमरून ब्रायसन इसकी सिनेमेटोग्राफी का काम देखेंगे। फिल्म से संबंधित अन्य कलाकारों की डिटेल्स आगे सार्वजनिक की जाएगी। श्यामजी कृष्ण वर्मा के बाद वीर सावरकर लंदन में क्रांतिकारियों के लीडर बने। यही वजह है कि उनकी जयंती पर फिल्म का ऐलान किया गया है।
बता दें कि ‘हिंदुत्व’ शब्द को जन-जन तक पहुँचाने वाले विनायक दामोदर सावरकर को अंग्रेजों ने आजीवन कारावास की दो-दो सज़ाएँ सुनाई थीं। 1857 में भारत में जो हुआ, वो कोई सैन्य विद्रोह नहीं, बल्कि भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था, विदेशों तक जाकर और शोध करके यह बताने वाले भी अकेले सावरकर ही थे। जबकि, उस समय महात्मा गांधी और पंडित नेहरू भी विदेशों में पढ़ाई कर चुके थे, लेकिन उनका ध्यान इस तरफ नहीं गया। 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब पेशवा, तात्या टोपे जैसे क्रांतिकारियों ने अंग्रेज़ों से लोहा लिया था, जिसे अंग्रेज़ों ने सैन्य विद्रोह बताकर छुपा रखा था, ताकि भारतीय उस शौर्य गाथा को याद कर वापस खड़े न हो सकें। लेकिन, सावरकर ने इस पर पूरी किताब लिखी, जिसे अंग्रेज़ों ने छपने से पहले ही बैन करवा दिया, इसके बाद वीर सावरकर ने हाथ से लिख-लिखकर इसकी प्रतियां बांटी। भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे भारत के अमर सपूतों ने भी उस किताब ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ से प्रेरणा ली थी।
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