नई दिल्ली: अमेरिकी शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने जब गौतम अडानी पर आरोप लगाए थे, उस समय भारत में कई लोगों ने खासकर कुछ विपक्षी दलों ने ये आशंका जताई थी कि, अडानी देश का पैसा लेकर भाग जाएंगे, जनता का पैसा डूब जाएगा। लेकिन, अब हिंडनबर्ग के असर से गौतम अडानी के नेतृत्व वाला अडानी ग्रुप लगातार उबरता जा रहा है और समूह भी अपने निवेशकों का विश्वास वापस पाने के लिए एक के बाद एक बड़ा कदम उठा रहा है. इसके तहत हाल ही में अडानी समूह ने 2.65 अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान वक़्त से पहले कर दिया है. इसमें अंबुजा सीमेंट के अधिग्रहण के लिए लिये गए कर्ज में से 50 करोड़ डॉलर का भुगतान भी शामिल है.
अडानी समूह की तरफ से रविवार (12 मार्च) को इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए बताया गया है कि निवेशकों का भरोसा वापस जीतने के मद्देनजर हमने वक़्त से पहले 2.65 अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान किया है. इसकी डेडलाइन 31 मार्च 2023 थी, मगर पेमेंट पहले ही कर दिया गया है. बयान के अनुसार, 2.15 अरब डॉलर का कर्ज समूह की लिस्टेड कंपनियों में स्टॉक्स को गिरवी रखकर लिया गया था, जबकि अंबुजा सीमेंट के अधिग्रहण के लिए 50 करोड़ डॉलर लिए गए थे.
अडानी समूह की तरफ से बताया गया है कि प्रमोटर्स का अब अंबुजा सीमेंट और ACC सीमेंट के 6.6 अरब डॉलर की कुल अधिग्रहण वैल्यू में 2.6 अरब डॉलर का निवेश है. बता दें कि वर्ष 2022 में गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह ने 10.5 अरब डॉलर के सौदे में प्रमुख भारतीय सीमेंट प्लेयर्स, अंबुजा सीमेंट्स और ACC का अधिग्रहण पूरा किया था. इसके साथ ही यह देश का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट दिग्गज बन गया था.
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