नई दिल्ली: अडानी पावर, जो भारत की प्रमुख बिजली उत्पादक कंपनी है, ने बांग्लादेश को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उसे बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया गया तो 7 नवंबर, 2024 के बाद से वह बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से बंद कर देगा। अडानी पावर वर्तमान में झारखंड के गोड्डा स्थित अपने थर्मल पावर प्लांट से बिजली का उत्पादन करती है और इसे बांग्लादेश तक सप्लाई करती है।
बकाया धनराशि की बात करें तो बांग्लादेश पर अडानी पावर का लगभग ₹7200 करोड़ का भुगतान बकाया है। कंपनी ने पहले ही भुगतान में देरी के कारण बांग्लादेश को दी जाने वाली बिजली की मात्रा को घटा दिया था। अडानी पावर की यह मांग तब और अधिक अहम हो जाती है जब देखा जाए कि बांग्लादेश की कुल बिजली आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा भारतीय कंपनियों द्वारा प्रदान किया जाता है।बांग्लादेश की नई मोहम्मद यूनुस सरकार की ओर से अब तक इस मुद्दे का कोई ठोस समाधान पेश नहीं किया गया है। सरकार का कहना है कि डॉलर की कमी के कारण वे भुगतान करने में असमर्थ हैं, जिससे अडानी पावर को लंबे समय से अपनी रकम का इंतजार करना पड़ रहा है। बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार हाल के वर्षों में दबाव में रहा है, और वैश्विक आर्थिक स्थिति तथा डॉलर संकट के कारण उन्हें अपनी आयात संबंधी जरूरतों को पूरा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
अगर अडानी पावर बिजली की आपूर्ति रोकने का फैसला करता है तो इसका बांग्लादेश पर व्यापक प्रभाव हो सकता है। देश में बिजली की गंभीर कमी हो सकती है, क्योंकि भारतीय कंपनियाँ बांग्लादेश की ऊर्जा आपूर्ति का बड़ा हिस्सा प्रदान करती हैं। इसका असर घरेलू उद्योगों और नागरिकों की ऊर्जा जरूरतों पर पड़ेगा, जिससे आर्थिक और सामाजिक संकट भी पैदा हो सकता है। अडानी पावर द्वारा बकाया राशि की मांग और बिजली आपूर्ति रोकने की चेतावनी ने बांग्लादेश की सरकार पर काफी दबाव बना दिया है। इस मामले को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों को जल्द से जल्द बातचीत करनी होगी, अन्यथा इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को नुकसान पहुँच सकता है।
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