रायपुर: राज्य सरकार ने शनिवार यानी आज 7 मार्च 2020 को एक नोटिस जारी कर दिया है. और दंतेवाड़ा के बैलाडीला में अडानी इंटरप्राइजेज को जारी किया गया खनीज माइनिंग का आवंटन रद्द करने के लिए नोटिस जारी हो चुका है. लेकिन राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) को यह नोटिस भेजा गया है. वहीं नोटिस में राज्य सरकार की ओर से एनएमडी सी से पूछा गया है कि खदान आवंटन के दो साल बाद भी आखिर यहां माइनिंग का काम शुरू क्यूं नहीं हुआ? पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने यह खदान अडानी समूह को कर दिया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाली राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (CMDC) के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी एनसीएल को कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिसमें पूछा गया है कि दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा में कंपनी को लौह अयस्क खदान का आवंटन क्यों न रद्द किया जा रहा है. वहीं इस बात का पता चला है कि आवंटन के 2 वर्षों बाद भी यहां खनन का काम आरम्भ नहीं किया गया है. इस खदान का आवंटन साल 2018 में किया गया था और अडानी इंटरप्राइजेज कंपनी को खदान डेवलपर और ऑपरेटर (MDO) बनाया गया था. भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अडानी समूह को यह बड़ी लौह अयस्क खदान आवंटित की थी.
वहीं इस बात का पता चला है कि सरकारी जांच के बाद राज्य के वन विभाग द्वारा खदान के लिए दी गई वन मंजूरी पर भी पुनर्विचार किया जा रहा है, जिसमें ग्राम सभा की सहमति शून्य बताई गई है. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि कंपनी को इसी आधार पर माइनिंग विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस भी दिया जा रहा है. अदानी समूह के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि यह मामला ग्राम सभा सहमति विवाद से जुड़ा नहीं था. साल 2014 में अडानी एंटरप्राइजेज को एमडीओ बनाने से बहुत पहले ग्राम सभा की सहमति ली गई थी. फिर किसने क्या किया, इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है.
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