नई दिल्ली: त्योहारी मौसम और ठंड के साथ बढ़ते प्रदूषण में कोविड संक्रमण की आशंका के बावजूद बेखौफ और बेपरवाह होते लोगों को पीएम नरेंद्र मोदी ने सचेत कर कर रहे है। देश के नाम संबोधन में मंगलवार को उन्होंने अमेरिका, ब्राजील और यूरोपीय देशों का हवाला देते हुए सचेत किया कि तब तक निश्चिंत नहीं होना है जब तक कोविड की वैक्सीन या दवा न आ जाए। उन्होंने कहा- 'जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।'
कोरोना के प्रति किया जागरूक: पीएम के संबोधन को लेकर सुबह से देश की निगाहें टिकी थीं। तरह तरह की अटकलों का बाजार भी गर्म था। लेकिन पीएम ने खुद को कोविड के प्रति जागरुकता तक सीमित रख दिया गया है। ध्यान रहे कि कुछ दिन पहले ही सरकार के स्तर पर जागरुकता अभियान शुरू कर दिया गया है, जिसके तहत 95 करोड़ लोगों तक पहुंचने की योजना है।
सतर्कता की कमी परिवार के लिए खतरा: संभवत: इसी क्रम में पीएम ने छोटा लेकिन मुख्य संदेश देते हुए कहा- ''हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लॉकडाउन भले ही चला गया हो, लेकिन वायरस नही गया है। कई वीडियो में दिखता है कि लोगों ने सतर्कता कम कर दी है जो परिवार के लिए खतरा है।'' कांग्रेस नेताओं की ओर से लग रहे इल्ज़ामों का परोक्ष उत्तर देते हुए पीएम ने आंकड़ों के सहारे बोला कि भारत में प्रति 10 लाख लोगों में 5000 लोगों को कोरोना हुआ है, जबकि अमेरिका और ब्राजील जैसे देशो में 25 हजार है। भारत में प्रति 10 लाख लोगों में 83 लोगों की जाने जा चुकी है। जबकि अमेरिका ब्राजील ब्रिटेन जैसे देशों में यह 600 के पास है।
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