गुरुवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मुर्शिदाबाद जिले के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के अधिकांश क्वॉरंटाइन केंद्रों में उचित सुविधाएं नहीं हैं, जो राज्य में कोविड-19 मामलों की संख्या में हालिया वृद्धि के पीछे का कारण है.उन्होंने दावा किया कि "अस्वस्थ और अमानवीय" रहने की स्थिति के कारण क्वॉरंटाइन केंद्रों से भाग रहे लोगों की घटनाएं प्रकाश में आई हैं. पिछले कुछ दिनों में अमानवीय जीवन स्थितियों के बारे में शिकायत करने वाले लोगों को क्वॉरंटाइन केंद्रों से भागने की खबरें मिली हैं. स्थिति इतनी खराब है कि अगर एक सामान्य व्यक्ति को केंद्र में रखा जाता है, तो वह भागने के लिए बाध्य है.
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अपने बयान में चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो महीनों के लॉकडाउन के दौरान अधिक क्वॉरंटाइन केंद्र स्थापित करने और वहां सुविधाओं को मजबूत करने के लिए उपाय करने चाहिए. उन्होंने कहा, लेकिन इसका ठीक उल्टा हुआ. सरकार प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर राजनीति करती रही. शुरू में उन्हें वापस लाने में हिचकिचाहट हुई और अब जब उन्हें मजबूर किया गया, तो उन्होंने उन्हें सिर्फ अपने लिए छोड़ दिया.
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इसके अलावा अधीर ने कहा कि स्थिति इतनी खराब है कि क्वॉरंटाइन केंद्रों में खराब सुविधाओं के कारण राज्य में सकारात्मक मामलों की संख्या बढ़ रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान का उल्लेख करते हुए कि 8.5 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक राज्य लौट आए हैं, चौधरी ने कहा कि "आंकड़े केवल राज्य में बेरोजगारी की गंभीर स्थिति को दर्शाते हैं". उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल रही है और इस कारण लाखों लोगों को आजीविका की तलाश में राज्य से बाहर जाना पड़ा है.
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